लखनऊ: हाईकोर्ट के आदेश पर हो सका डीआईजी पर धोखाधड़ी का केस
पुलिस वायरलेस विभाग के डीआईजी अनिल कुमार, उनकी पत्नी पुष्पा अनिल, चंद्रपाल सिंह तथा दरोगा बृजेश कुमार सिंह पर थाना महानगर, लखनऊ में धारा 420, 406, 448, 506 आईपीसी दर्ज किया गया है।
कल्याणपुर, गुडंबा निवासी व्यवसायी रमेश कुमार गुप्ता ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि अनिल कुमार और उनकी पत्नी ने इंदिरा दर्शन रेजीडेंसी, महानगर स्थित अपना फ्लैट श्री गुप्ता को 60 लाख में बेचने का वादा किया।
उन्होंने इसके लिए पांच लाख एडवांस देने को कहा और शेष धनराशि किश्तों में देने की बात कही। एफआईआर के अनुसार श्री गुप्ता ने तत्काल एडवांस दे दिया, जिसके बाद अनिल कुमार ने उन्हें फ्लैट का कब्जा दिया और श्री गुप्ता ने उस पर रंगाई-पुताई शुरू कर दी।
इसके बाद अनिल कुमार अपने वादे से पलट गए और उन्होंने बेईमानी के इरादे से श्री गुप्ता को जबरन फ्लैट से बेदखल कर दिया। इस प्रक्रिया में रमेश गुप्ता अनिल कुमार को 6,40,000 रुपये दे चुके थे तथा उनका रंगाई-पुताई पर 62,000 रुपये खर्च हो चुका था।
एफआईआर के अनुसार जब श्री गुप्ता ने अपने रुपये वापस मांगे तो अनिल कुमार ने अपने स्टाफ के जरिए उन्हें धमकी दी और अपनी पत्नी द्वारा उनके खिलाफ छेड़छाड़ का फर्जी मुकदमा भी महिला थाना, हजरतगंज में लिखवा दिया। रमेश गुप्ता ने कहा कि वे पिछले एक साल से एफआईआर के लिए दौड़ रहे थे। लेकिन, किसी भी स्तर पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी।
बाध्य होकर उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट की शरण ली तथा हाई कोर्ट के पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी को अवामनानन नोटिस जारी करने के बाद ही उनका मुकदमा दर्ज हो सका है। उन्होंने कहा कि उनके इस न्याय की लड़ाई में आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर तथा उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर का भी निरंतर सहयोग रहा था।
पुष्पा अनिल ने पूर्व में अमिताभ पर भी छेड़छाड़ के आरोप लगाये गए थे जिसे सीजेएम कोर्ट लखनऊ ने विभागीय कार्यवाही से क्षुब्ध हो कर किया गया मुकदमा बताते हुए खारिज कर दिया था।