लोकसभा चुनाव के लिए 16 मार्च को लागू की गई आचार संहिता चुनाव संपन्न होने के बाद हटा ली गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने गुरुवार से आचार संहिता हटाने के आदेश जारी कर राज्य में सरकारी कामकाज और जनसुनवाई पर लगी रोक हटा दी है।
लोकसभा चुनाव के लिए 16 मार्च को लागू की गई आचार संहिता चुनाव संपन्न होने के बाद हटा ली गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने गुरुवार से आचार संहिता हटाने के आदेश जारी कर राज्य में सरकारी कामकाज और जनसुनवाई पर लगी रोक हटा दी है।
आचार संहिता हटने के साथ ही राज्य में बड़े प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने कार्यकाल के शेष साढ़े चार साल के दौरान विकास कार्यों को गति देने पर फोकस करने की तैयारी में हैं। उन्होंने राज्य भर में अपनी टीम तैनात करने की योजना बनाई है, जिसमें अधिकारियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर मंत्रालय से विभिन्न जिलों में स्थानांतरित किया जाएगा।
अधिकारी की तैनाती के लिए मानदंड
मजबूत क्षेत्र प्रदर्शन और गतिशील क्षमताओं वाले अधिकारियों को नेतृत्व की भूमिका दी जाएगी, जबकि खराब प्रदर्शन वाले अधिकारियों को उनके वर्तमान पदों से हटा दिया जाएगा या हटा दिया जाएगा। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन बदलावों पर पहले ही चर्चा शुरू कर दी है। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि एक दर्जन से अधिक कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक बदले जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री की रणनीति
इस फेरबदल का उद्देश्य विकास परियोजनाओं के कुशल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख पदों पर सक्षम अधिकारियों को तैनात करना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने आयोग के निर्देश पर पहले भी कई अधिकारियों को फील्ड में तैनात किया था। अब, मुख्यमंत्री राज्य के विकास के लिए अपनी रणनीतिक दृष्टि के आधार पर जिला असाइनमेंट के लिए अधिकारियों का चयन करेंगे।