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जायज या नाजायज? फांसी के बाद क्या होगा शबनम के 12 साल के बेटे का…

By: RNI Hindi Desk 
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जायज या नाजायज? फांसी के बाद क्या होगा शबनम के 12 साल के बेटे का…

रिपोर्ट: सत्यम दुबे

नई दिल्ली: आजाद भारत में किसी महिला को पहली बार फांसी दी जायेगी। आपको बता दें कि अमरोहा का बावनखेड़ी हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। इस हत्या कांड की दोषी और उसके प्रेमीं सलीम को फांसी होना तय है। सर्वोच्च न्यायालय ने इनकी दया याचिका खारिज कर दी है। इतनी ही नहीं राष्ट्रपति ने भी इनके दया याचिका को खारिज कर फांसी देने के राह को और आसान कर दिया।

आपको बता दें कि अमरोहा जिले के बावनखेड़ी की रहने वाली शबनम का सलीम नाम के एक युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनो की मंशा थी कि वे शादी करेंगे, लेकिन परिवार वाले इन दोनो के शादी में रोड़ा बन रहे थे। शबनम ने इस समस्या के हल के लिए अपने परिवार के सात लोगो की हत्या कर दी। आपको बता दें कि शबनम ने जब इस वारदात को अंजाम दिया था, उस समय वह 2 महीने की गर्भवती थी। इतना ही नहीं उसका बेटा “ताज” जेल में ही जन्म लिया था।

शबनम और उसके प्रेमी को फांसी की सजा हाने के बाद सवाल खड़ा होने लगा है कि उसके बेटे का क्या होगा? इतनी ही नहीं परिवार की हत्या करने के बाद शबनम अपने घर की संपत्ति की अकेली मालकिन हो गई थी। इसको भी लेकर काफी सवाल खड़े हो रहें हैं। हम आपको बतातें है कि शबनम के मरने के बाद इस समस्या का समाधान क्य़ा है?

शबनम के बेटे के परवरिश की जिम्मेदारी उसके कॉलेज के साथी उस्मान सैफी ने ली है। इतनी ही नहीं इस समय भी उसका बच्चा “ताज”  उस्मान सैफी के साथ ही रह रहा है। सैफी ने बताया कि वह कॉलेज के दौरान आर्थिक तंगी और पढ़ाई में काफी कमजोर था। उस वक्त शबनम ने उसकी मदत की थी। जिसके कारण शबनम को वह अपनी बहन मानता है। सैफी ने कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ शबनम से जेल में मुलाकात की थी। इस दौरन शबनम ने अपने बच्चे “ताज” को सौंपते हुए, उनसे दो गुज़ारिशें की थी।

शबनम ने इनसे कहा था कि मेरी पहली गुजारिश यह है कि ताज को कभी शबनम के पैतृक गांव न ले जाये। और दूसरी ये कि उसका नाम बदलकर उसकी परवरिश की करें। सैफी ही ताज की परवरिश कर रहे हैं।

आपको बता दें कि ताज पिछले करीब छह सालों में कई बार अपनी मां से मिलने जेल में जाता रहा है। ताज ने मां की सजा माफ़ किए जाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक अर्जी भी भेजी है।

 

 

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