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Loksabha Election: BJP में जाने के बाद Akshay Bam ने खोले राज, कहा -राम राज्य के संकल्प को पूरा करने भाजपा में आया

इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अक्षय कांति बम ने चुप्पी तोड़ी है।

By: RNI Hindi Desk 
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Loksabha Election: BJP में जाने के बाद Akshay Bam ने खोले राज, कहा -राम राज्य के संकल्प को पूरा करने भाजपा में आया

इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार रहे अक्षय क्रांति बम मंगलवार को कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ अलीराजपुर पहुंचे। मीडिया से बातचीत में अक्षय ने चुप्पी तोड़ी है। अक्षय ने कहा कि बीजेपी से कोई उनकी डील नहीं हुई है। जो खुद 15 लाख की घड़ी पहनता है। शून्य से शिखर तक पहुंचा हो उसे कोई क्या डील देगा? अक्षय ने कहा कि राम राज्य लाने के संकल्प को पूरा करने के लिए भाजपा में शामिल हुए हैं। यह भी कहा कि वे अभी वे छोटे  से कार्यकर्ता हैं। पिछले 24 में से 18 घंटे मुझे कैलाश विजयवर्गीय जी ने हाथ पकड़कर बोलना सिखाया। पहली बार आलीराजपुर में भाषण दिया है। ये मु्झे जीवन भर हमेशा याद रहेगा।

(इंदौर-4 विधानसभा सीट) से टिकट मांगा था। यह प्रदेश की सबसे मुश्किल सीटों में से एक है। अगर इस सीट से मैं काम करने की ताकत रखता हूं तो समझ लेना चाहिए कि मेरे मन में कोई डर नहीं है। कांग्रेस क्यों छोड़ी? इस सवाल पर अक्षय ने कहा कि मैं रामभक्त हूं। संघ शक्ति कलयुगे। यदि किसी को आगे बढ़ना है तो वह संघ और संगठन की शक्ति से ही आगे बढ़ सकता है। जहां संगठन मजबूत होगा, वहीं रामराज्य आएगा। हमें सनातन धर्म को पूरे विश्व में ले जाना है।

कौन हैं अक्षय कांति बम

बम पेशे से कारोबारी हैं और उनका परिवार शहर में निजी महाविद्यालयों का संचालन करता है. वह जैन समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. इस समुदाय के इंदौर लोकसभा क्षेत्र में करीब दो लाख मतदाता हैं. बम ने अपने राजनीतिक करियर में अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा है. बम ने 2023 के विधानसभा चुनावों में इंदौर-4 सीट से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था. हालांकि पार्टी ने अंतिम समय में राजा मंधवानी को मैदान में उतारा था.

बम की तरफ से दाखिल हलफनामे के मुताबिक, वो 14 लाख रुपये की घड़ी पहनते हैं. उनकी कुल संपत्ति 78 करोड़ रुपये है. उनके पास 8 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है.इसके अलावा 47 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है. 6 करोड़ रुपये की विरासत भी उनके पास है. उनकी पत्नी और बच्चों के नाम पर करीब 22 करोड़ रुपये की संपत्ति है.

17 पुराने मामले को लेकर दिया ये जवाब 
17 साल पुराने केस में धारा 307 का इजाफा होने पर अक्षय ने कहा कि इस पर अभी 10 मई को विवेचना होना है इसके बाद तय होगा कि यह लगेगी या नहीं। भाजपा में आने के बाद से अब तक चुप क्यों थे? मीडिया के इस सवाल पर अक्षय बल ने कहा कि मैं तो यहां नन्हा सा कार्यकर्ता बनने आया हूं। बहुत खुश हूं कि पिछले 24 में से 18 घंटे मुझे कैलाश विजयवर्गीय जी ने हाथ पकड़कर बोलना सिखाया। पहली बार आलीराजपुर में भाषण दिया है। ये मुझे जीवनभर याद रहेगा।

2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को हराया

शंकर लालवानी ने 2019 में बीजेपी की टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीता. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार को करीब 5 लाख 47 हज़ार वोटों के ऐतिहासिक अंतर से हराया था. सांसद बनने के बाद, वह लोकसभा में आवास और शहरी मामलों की स्थायी समिति, सदन की बैठक से सदस्यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति, संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की सलाहकार समिति, सहकारिता विभाग सलाहकार समिति, उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण परामर्श समिति और एमएसएमई नेशनल बोर्ड के भी सदस्य हैं.

कौन हैं शंकर लालवानी?

शंकर लालवानी का जन्म 16 अक्टूबर 1961 को इंदौर में हुआ था. उनके पिता जमनादास लालवानी अखंड भारत के विभाजन से पहले इंदौर आए थे. जमनादास लालवानी इंदौर आकर भी आरएसएस में सक्रिय थे. वे जनसंघ पार्टी में थे और सामाजिक कामों में सक्रिय रहते थे. वे कई सालों तक मध्य प्रदेश में सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे. शंकर लालवानी की माताजी गोरी देवी लालवानी एक कुशल गृहिणी थीं.

शंकर लालवानी ने मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास की और फिर मुंबई से बी-टेक की पढ़ाई की. बाद में वो फिर इंदौर आकर व्यापार और कंसल्टेंसी में लग गए. 1994 से 1999 तक लालवानी इंदौर नगर निगम में पार्षद रहे. इसके बाद 1999 से 2004 तक वे 5 वर्ष तक इंदौर नगर निगम के सभापति पद पर रहे. 2013 में इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष बनाए गए.

शंकर लालवानी की सामाजिक गतिविधियां

सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों की बात करें तो पिछले 25 सालों से वे लोक संस्कृति मंच के माध्यम से मालवा उत्सव, हरतालिका तीज उत्सव, हिंदू नववर्ष पर सूर्य अर्घ्य समेत कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं. लालवानी को संसदीय समिति और शहरी विकास समिति का सदस्य बनाया गया है. वो लगातार 2 बार इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे. शंकर लालवानी पार्षद, अध्यक्ष नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण के प्रमुख के रूप में काम किया.

इंदौर में विकास कार्य करने का दावा

शंकर लालवानी का कहना है कि उनके कार्यकाल में कोविड की कठिन परिस्थितियों के बावजूद इंदौर में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हुआ है और जल्द ही इंदौर मेन लाइन पर आ जाएगा. इसके अलावा 3,200 करोड़ के निर्माण कार्यों की स्वीकृति, 1,000 करोड़ के नए इंदौर रेलवे स्टेशन की योजना पर काम शुरू हो गया है.

उन्होंने बताया कि लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन के विस्तारीकरण की शुरुआत, इंदौर-खंडवा रेल लाइन के काम में तेजी, राऊ-महू रेल लाइन का दोहरीकरण, इंदौर-दाहोद रेल लाइन के काम में तेजी आई है.

लालवानी ने कहा कि इंदौर-महू-पीथमपुर मेट्रो लाइन की मांग की गई है. इसके साथ ही इंदौर-सांवेर-उज्जैन मेट्रो लाइन की मांग रखी गई है और सर्वे पूर्ण हो गया है. इंदौर-बुधनी-जबलपुर रेल लाइन की स्‍वीकृति और इंदौर से वंदे भारत ट्रेन प्रारंभ करना उनकी उपलब्धि रही. सांसद शंकर लालवानी ने अब तक 15 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि से पेयजल, स्वच्छता और कई विकास कार्यों पर खर्च किए हैं.

इंदौर लोकसभा सीट पर कब कौन जीता

1952 नंदलाल जोशी कांग्रेस
1957 कन्हैयालाल खादीवाला कांग्रेस
1962 होमी एफ. दाजी स्वतंत्र
1967 प्रकाश चंद्र सेठी कांग्रेस
1971 प्रकाश चंद्र सेठी कांग्रेस
1972 (उपचुनाव) राम सिंह भाई कांग्रेस
1977 कल्याण जैन जनता पार्टी
1980 प्रकाश चंद्र सेठी कांग्रेस
1984 प्रकाश चंद्र सेठी कांग्रेस
1989 सुमित्रा महाजन बीजेपी
1991 सुमित्रा महाजन बीजेपी
1996 सुमित्रा महाजन बीजेपी
1998 सुमित्रा महाजन बीजेपी
1999 सुमित्रा महाजन बीजेपी
2004 सुमित्रा महाजन बीजेपी
2009 सुमित्रा महाजन बीजेपी
2014 सुमित्रा महाजन बीजेपी
2019 शंकर लालवानी बीजेपी

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