नई दिल्ली : शास्त्रों के अनुसार पवन पुत्र हनुमान जी का जन्म चैत्र माह, शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था, जो तिथि इस साल 26 अप्रैल सोमवार को पड़ रहा है लेकिन हनुमान जयंति 27 अप्रैल को पूर्णिमा तिथि में मंगलवार को मनाई जाएगी। श्रीराम भक्त हनुमान जी के लिए कहा जाता है वे अकेले ऐसे देवता है जो कलयुग में भी पृथ्वी पर विराजमान हैं और अपने सभी भक्तों के संकटों का निवारण करते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी को अमर रहने का वरदान प्राप्त है। हनुमान जी को भगवान भोलेनाथ का अंशावतार माना गया है। कहा जाता है कि भगवान हनुमान जी की सच्चे मन से प्रतिदिन पूजा करने से जीवन के समस्त कष्ट दूर हो जाते है। जिन लोगों की कुंडली में शनि जैसे ग्रह अशुभ प्रभाव डालते हैं, हनुमान जी की पूजा से ऐसी तमाम समस्याएं दूर हो जाती हैं। ये भी कहा जाता है कि हनुमान जी की आराधना करने से भूत-प्रेत बाधा, नकारात्मक ऊर्जा, मरण आदि से भी मुक्ति मिलती है।
हनुमान जयंती 2021 का शुभ मुहूर्त
26 अप्रैल 2021 की दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ
27 अप्रैल 2021 की रात्रि 9 बजकर 01 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन
हनुमान जयंती पूजन विधि
हनुमान जी के जन्मोत्सव के दिन जातक को ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। इसके बाद घर की साफ-सफाई करें और गंगाजल या गोमूत्र के छिड़काव से घर को पवित्र कर दें। तत्पश्चात स्नान आदि नित्य क्रियाओं से निवृत्त होवें। स्वच्छ वस्त्र धारण कर हनुमान मंदिर में जाकर या घर पर ही पूजा करनी चाहिए। हनुमान जी के पूजन के दौरान उन्हें लाल सिंदूर और चोला अर्पित करना चाहिए। चमेली के तेल का इस्तेमाल कर अंजनी पुत्र को खुश करना चाहिए। पूजा के दौरान देवी-देवताओं को जल और पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद अबीर, गुलाल, अक्षत, फूल, धूप-दीप आदि से पूजून करें। तत्पश्चात श्लोक व सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें और आरती के बाद प्रसाद का वितरण करें।
हनुमान जयंती पर करें इन मंत्रों का जाप
हनुमान जयंती का दिन हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि इस दिन की जाने वाली पूजा कई गुना फल प्रदान करती है। इस दिन हनुमान जी के प्रिय मंत्रों से पूजा जरुर करनी चाहिए। शास्त्रों में हनुमान जी के 8 प्रकार के कल्याणकारी मंत्र बताए गए हैं।
हनुमान स्तुति मंत्र
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम् ।
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम् ।
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।
हनुमान स्त्रोत
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं ।
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं ।
रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि ।
यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम ।
वाष्पवारिपरिपूर्णालोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ।
सर्व मनोरथ सिद्धि मंत्र
अंजनी के नन्द दुखः दण्ड को दूर करो सुमित को टेर पूजूं.
तेरे भुज दण्ड प्रचंड त्रिलोक में रखियो लाज मरियाद मेरी.
श्री रामचन्द्र वीर हनुमान शरण में तेरी.
भूत-प्रेत बाधा से बचने के लिए
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय पंचवदनाय दक्षिण मुखे.
कराल बदनाय नारसिंहाय सकल भूत प्रेत दमनाय. रामदूताय स्वाहा.
ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय
नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः.
भय निवारण के लिए
अंजनी गर्भसम्भूताय कपीन्द्र सचिवोत्तम रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमान रक्ष रक्ष सर्वदा।
वशीकरण मंत्र
ॐ नमो हनुमते उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय रुं रुं रुं रुं रुं रूद्रमूर्तये प्रयोजन निर्वाहकाय स्वाहा।
व्यापर में सफलता के लिए मंत्र
जल खोलूं जल हल खोलूं खोलूं बंज व्यापार आवे धन अपार।
फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा हनुमत वचन जुग जुग सांचा।
हनुमान मंत्र
ॐ मनोजवं मारुततुल्य वेगम् जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं
वातात्मजं वानर युथमुख्यं श्री रामदूतं शरणं प्रपद्ये ।