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भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए पूजा में रखें इन 10 बातों का ध्यान

कहा जाता है कि यदि कलयुग में कोई ईश्वर इस धरती पर हैं, तो वो केवल राम के सबसे बड़े भक्त पवन पुत्र श्री हनुमान ही हैं। श्री हनुमान को वायु पुत्र भी कहा जाता है। उनका वेग तो वायु से भी तेज माना जाता है। उनका जन्म ही राम काज को सिध्द करने के लिए हुआ था।पवन पुत्र का नाम लेते ही सारे दुख दूर हो जाते है। उनका नाम सुनते ही सभी बुरी शक्तियां दूर भाग जाती है। कहते है कलयुग में सिर्फ प्रभु हनुमान ही सशरीर विद्यमान हैं, और जब तक इस धरती पर प्रभु राम का नाम रहेगा, तब तक राम भक्त हनुमान भी रहेंगे।

By Amit ranjan 
Updated Date

रिपोर्ट: अनुष्का सिंह

 

नई दिल्ली: कहा जाता है कि यदि कलयुग में कोई ईश्वर इस धरती पर हैं, तो वो केवल राम के सबसे बड़े भक्त पवन पुत्र श्री हनुमान ही हैं। श्री हनुमान को वायु पुत्र भी कहा जाता है। उनका वेग तो वायु से भी तेज माना जाता है। उनका जन्म ही राम काज को सिध्द करने के लिए हुआ था।पवन पुत्र का नाम लेते ही सारे दुख दूर हो जाते है। उनका नाम सुनते ही सभी बुरी शक्तियां दूर भाग जाती है। कहते है कलयुग में सिर्फ प्रभु हनुमान ही सशरीर विद्यमान हैं, और जब तक इस धरती पर प्रभु राम का नाम रहेगा, तब तक राम भक्त हनुमान भी रहेंगे।

भगवान हनुमान को तीनों लोकों में सबसे शक्तिशाली भगवान माना जाता है। विशेष रूप से परेशानी या खतरे के समय में भगवान हनुमान सबसे ज्यादा याद किए जाते हैं। एक हिंदू के लिए यह बिल्कुल सामान्य है, चाहे वह कितना भी शिक्षित क्यों न हो, संकट में, खतरे या भय से गुजरने पर सबसे पहले, जय हनुमान का ही नाम लेता है। स्कंदपुराण और हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार बजरंगबली हनुमान जी का जन्म मंगलवार के दिन हुआ था। इसलिए यह दिन उन्हें समर्पित है और इस दिन हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा होती है। कहा जाता है कि हनुमान की पूजा करने से भक्तों के सभी संकट और कष्ट दूर होते हैं।

आईये आपको बताते हें संकट मोचन हनुमान को प्रसन्न करने के उपाय।

  1. हनुमान जी की पूजा या फिर विशेष अनुष्ठान सुबह या शाम के समय ही किए जाने चाहिए।
  2. हनुमान जी की पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले फूलों का रंग हमेशा लाल होना चाहिए।
  3. बजरंग बली के लिए दीपदान करने वाली बाती हमेशा लाल सूत (धागे) की होनी चाहिए।
  4. अगर आप हनुमान जी की पूजा का कोई उपाय शुरू करते हैं या फिर कोई अनुष्ठान शुरु करते हैं तो अगर वे मंगलवार के दिन से प्रारंभ किया जाए, तो अच्छा होता है।
  5. भगवान की उपासना के लिए किसी शुभ मुहूर्त की जरूरत है। इसके लिए मंगलवार का दिन ही सर्वश्रेष्ठ है।
  6. मान्यता है कि हनुमान जी की साधना करते समय ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना जरूरी होता है। इसलिए जब तक हनुमान जी की साधना करें तब तक मन में कामुक विचार न आने दें।
  7. मंगलवार के दिन पवनपुत्र की पूजा करने वाले भक्तों को मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

 

  1. हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का इस्तेमाल न करें क्योंकि बजरंग बली की पूजा में चरणामृत का विधान नहीं है।

 

  1. संकटमोचन की पूजा के समय महिलाएं हनुमान जी की मूर्ति को बिल्कुल स्पर्श न करें. खासतौर से रजस्वला होने पर।
  2. हनुमान जी पर चढ़ाया जाने वाला प्रसाद शुद्ध देसी घी से बना हुआ होना चाहिए।

 

 

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