इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने श्री हरिकोटा से अपना ऐतिहासिक 100वां मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जिससे भारत ने अंतरिक्ष में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। बुधवार सुबह 6:23 बजे, जीएसएलवी-F15 ने एनवीएस-02 उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया, जो भारत के नेविगेशन सैटेलाइट नेटवर्क का हिस्सा है। इस मिशन ने भारत के NavIC (भारतीय नेविगेशन सिस्टम) की दूसरी पीढ़ी को मजबूत किया।
इसरो की ऐतिहासिक सफलता, अध्यक्ष वी. नारायणन ने साझा किया लक्ष्य
इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन के नेतृत्व में इस मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। उन्होंने कहा, “हमने आज ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। आने वाले पांच वर्षों में हम 100 और मिशन लॉन्च करेंगे।” इसरो के पहले मिशन के बाद से लगभग 46 वर्षों में इसरो ने 100वें मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है। प्रक्षेपण से पहले इसरो अध्यक्ष नारायणन ने तिरुपति मंदिर में पूजा अर्चना
#WATCH | Tirumala, Andhra Pradesh: On the launch of GSLV-F15, ISRO chairman Dr V Narayanan says, "We are going to have the first launch of the year 2025. GSLV-F15 vehicle is going to place the second generation navigation satellite NVS-02 for navigation in the geo transfer orbit.… https://t.co/prKru5QaPV pic.twitter.com/5xw4EUWE2j
— ANI (@ANI) January 28, 2025
वह आगे कहते हैं, “हमारी टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण के परिणामस्वरूप हम इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर तक पहुंचे हैं।”
भारत का अपना नेविगेशन सिस्टम और नए मिशन की योजनाएं
NVS-02 उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित किया गया, जो भारत के NavIC सिस्टम का हिस्सा है। यह उपग्रह NVS-02 का पांचवां संस्करण है, और इससे भारत का नेविगेशन नेटवर्क और भी मजबूत होगा।
इसरो ने चंद्रयान-3 और चंद्रयान-4 जैसे महत्वपूर्ण मिशनों के लिए मंजूरी भी प्राप्त की है। नए कुलसेकरपट्टिनम लॉन्च पैड पर भी काम जारी है, जहां छोटे उपग्रहों के लिए लॉन्च सुविधा तैयार की जा रही है।
100वें मिशन पर केंद्रीय मंत्री ने दी बधाई
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसरो की ऐतिहासिक सफलता को सराहा और कहा, “श्रीहरिकोटा से 100वां लॉन्च करके इसरो ने एक और रिकॉर्ड बनाया है। यह भारत के लिए गर्व का क्षण है।” उन्होंने इस मिशन को विक्रम साराभाई और सतीश धवन जैसे महान नेताओं की विरासत का हिस्सा बताया, जिन्होंने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की नींव रखी थी।
#WATCH | Tirupati, Andhra Pradesh: ISRO launchs its 100th mission, the NVS-02 navigation satellite aboard the launch vehicle GSLV-F15 from Sriharikota in Andhra Pradesh at 6.23 am today.
(Source: ISRO) pic.twitter.com/n5iY9N8N0p
— ANI (@ANI) January 29, 2025
आने वाले मिशन और योजनाएं
इसरो के अगले पांच साल में 100 मिशन लॉन्च करने का लक्ष्य।
NavIC सिस्टम को और सशक्त बनाने के लिए उपग्रहों की और लॉन्चिंग।
चंद्रयान-3 और चंद्रयान-4 जैसे अंतरिक्ष मिशनों की लॉन्चिंग।
कुलसेकरपट्टिनम स्पेसपोर्ट पर छोटे उपग्रहों के लिए लॉन्च पैड की स्थापना।
इसरो ने 100वें मिशन को सफलता से लॉन्च करके न केवल अंतरिक्ष में भारत की स्थिति को मजबूत किया, बल्कि आने वाले वर्षों में और भी ऊंचाइयों को छूने का संकेत भी दिया। गौरवमयी भविष्य की ओर बढ़ते हुए, इसरो ने 100 मिशन लॉन्च करने का लक्ष्य तय किया है, जो भारतीय अंतरिक्ष अन्वेषण के नई ऊंचाइयों की ओर कदम बढ़ाने का प्रतीक है।