विदेश में नौकरी करने जाने वाले भारतीयों की सुरक्षा, प्रबंधन और प्रवासन प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार जल्द ही एक नया कानून लाने जा रही है। यह नया कानून मौजूदा इमिग्रेशन एक्ट-1983 की जगह लेगा और भारतीय प्रवासियों के हितों की रक्षा करेगा।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय इस बिल पर गंभीरता से विचार कर रहा है और इसके लिए आम जनता से भी सुझाव मांगे जाएंगे। संसद की विदेश मामलों की संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस कानून में बदलाव की सिफारिश की है ताकि भारतीय कामगारों को विदेश में किसी भी तरह की परेशानी न हो।
इमिग्रेशन कानून होगा और अधिक सख्त
प्रस्तावित ओवरसीज मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2024 के तहत सरकार एक ऐसा मजबूत ढांचा तैयार करेगी, जो विदेश में काम करने जाने वालों की सुरक्षा को बढ़ाएगा। यह विधेयक इमिग्रेशन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा और अवैध प्रवासन पर रोक लगाने में मदद करेगा।
प्रवासी भारतीयों को मिलेगा जरूरी सपोर्ट
संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि पंजाब, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में, जहां से बड़ी संख्या में लोग विदेश जाते हैं, वहां प्रोटेक्शन ऑफ इमिग्रेंट्स ऑफिस बनाए जाएं। इसके अलावा, इमिग्रेशन काउंटर्स पर विदेश जाने वाले भारतीयों को सभी जरूरी सूचनाएं उपलब्ध कराई जाएं।
शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति ने दी रिपोर्ट
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में मौजूदा 1983 प्रवासन कानून पुराना हो चुका है और इसे नए वैश्विक परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखकर अपडेट करने की जरूरत है।
अवैध प्रवासन पर लगेगी रोक
यह नया कानून उन अवैध प्रवासियों की समस्या का समाधान भी करेगा, जिन्हें बिना वैध दस्तावेजों के विदेश भेजा जाता है। हाल ही में 104 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया था, जिसके बाद सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है।