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पिछले एक साल में ही स्विस बैंकों में तीन गुना बढ़ा भारतीयों का जमा धन, टूटा पिछले 13 सालों का रिकॉर्ड

By: Amit ranjan 
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पिछले एक साल में ही स्विस बैंकों में तीन गुना बढ़ा भारतीयों का जमा धन, टूटा पिछले 13 सालों का रिकॉर्ड

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के कारण दो सालों से हमारे देश की अर्थव्यवस्था डगमगा हुई है, चाहे वो 2020 हो या 2021। वहीं 2020 में स्विस बैंकों में भारतीय लोगों के जमा पूंजी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। यानी एक तरफ जहां हमारे देश में बेरोजगारी और महंगाई की स्थिति उत्पन्न हुई है। वहीं दूसरी तरफ 2020 में स्विट्जरलैंड के विभिन्न बैंकों में भारतीय लोगों और फर्मों द्वारा जमा धन में जबरदस्त बढ़त हुई है।

इस बढ़त के साथ ही साल 2020 में यह जमा धन बढ़कर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक (करीब 20,700 करोड़ रुपये) पहुंच गया, जिसन पिछले 13 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है। आपको बता दें कि

साल 2019 में स्विस बैंकों में भारतीयों का जमा धन सिर्फ 6,625 करोड़ रुपये था। यानी एक साल में ही इसमें तीन गुना से ज्यादा की बढ़त हुई है।

दो साल में घटने लगा था जमा धन

गौरतलब है कि इसके पिछले दो साल में स्विस बैंकों में जमा धन घटने लगा था। भारतीय लोगों और फर्म ने यह धन स्विस बैंकों में सीधे अपने खातों या भारत स्थित उनके ब्रांच और अन्य वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से जमा किए हैं।

स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में ग्राहक जमा घटा है, लेकिन प्रतिभूतियों और अन्य साधनों में निवेश के द्वारा इन बैंकों में भारतीयों की रकम में तेजी से  बढ़त हुई है।

जरूरी नहीं कि ये कालाधन हो

न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन आंकड़ों में उन भारतीय या एनआरआई की जमा रकम शामिल नहीं है, जो किसी तीसरे देश की संस्था या कंपनी के द्वारा रकम जमा करते हैं। यह भी जरूरी नहीं कि ये कालाधन हो। काला धन के बारे में स्विट्जरलैंड सरकार अलग से जानकारी देती है।

गौरतलब है कि इसके पहले अब तक की सबसे रिकॉर्ड जमा साल 2006 में 6.5 अरब फ्रैंक की हुई थी। लेकिन उसके बाद इसमें ज्यादातर वर्षों में गिरावट दर्ज की गई थी।

साल 2018 में लागू हुए एक समझौते के मुताबिक भारत और स्विट्जरलैंड एक-दूसरे के टैक्स मामलों से जुड़ी जानकारियां साझा करते हैं। इसके तहत पहली बार 2018 में स्विट्जरलैंड ने भारतीय नागरिकों का विस्तृत वित्तीय जानकारी साझा की थी।

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