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सुपर ऐप लॉन्च करने की तैयारी में भारतीय रेलवे

भारतीय रेलवे एक सुपर एप लॉन्च करने की तैयारी में है। रेलवे के इस सुपर एप से कई सारे काम हो सकेंगे। कहा जा रहा है कि रेलवे के सुपर एप से एक ही एप में टिकट बुकिंग से लेकर ट्रेन को रियल टाइम में ट्रैक करने जैसे कई काम होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक इस एप पर कुल 90 करोड़ रुपये खर्च होंगे और तीन साल से अधिक का वक्त लगेगा।

By RNI Hindi Desk 
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रेलवे की अलग-अलग सेवाओं के लिए यूजर्स को कई अलग – अलग ऐप यूज करने पड़ते हैं. लेकिन भारतीय रेलवे जल्दी ही इस समस्या का समाधान करने वाला है. दरअसल रेलवे एक सुपर ऐप लॉन्च करने की तैयारी में है, जिसमें सभी मौजूदा ऐप्स को मर्ज किया जाएगा. यानी अब एक ही ऐप में रेलवे से जुड़ी सारी सेवाएं प्राप्त होंगी. अब लोगों को टिकट बुक कराने या ट्रेन ट्रैक करने के लिए मोबाइल पर अलग-अलग ऐप रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. रेलवे से इस सुपर ऐप से ही यह काम संभव हो जाएगा. इस सुपर ऐप को रेलवे की आईटी कंपनी क्रिस विकसित करेगी.

 

एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इस सुपर ऐप को लॉन्च करने का मकसद रेलवे से जुड़ी सभी सेवाओं को एक ऐप में लाकर यूजर्स का काम आसान करना है. इसमें रेल मदद, यूटीएस और नेशनल ट्रेन इनक्वायरी सिस्टम जैसे ऐप शामिल होंगे. साथ ही इसमें पोर्टरेड, सतर्क, टीएमएस-निरीक्षण जैसी सर्विसेज को भी शामिल किया जाएगा. इसके साथ ही कई जाने-माने स्टैंडअलोन ऐप जैसे आईआरसीटीसी रेल कनेक्ट, आईआरसीटीसी ई-कैटरिंग फूड ऑन ट्रैक और आईआरसीटीसी एयर को भी शामिल किया जाएगा. रेल मदद शिकायतों और सुझावों से जुड़ा है जबकि नेशनल ट्रेन इनक्वायरी सिस्टम से ट्रेनों के रनिंग स्टेटस का पता लगाया जा सकता है.

आपको बता दें कि रेलवे के मौजूदा ऐप्स में से आईआरसीटीसी रेल कनेक्ट सबसे पॉपुलर है. इसे 10 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है. रिजर्व्ड टिकट बुकिंग के लिए यह एकमात्र प्लेटफॉर्म है. इसी तरह यूटीएस के एक करोड़ से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं. यह प्लेटफॉर्म टिकट और सीजन पासेज से जुड़ा है.

 

अधिकारियों का कहना है कि इस सुपर ऐप को डिजाइन करते समय इसके मॉनेटाइजेशन की संभावना को भी ध्यान में रखा जाएगा. मौजूदा स्टैंडअलोन ऐप्स को एक कॉमन प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए इसकी वैल्यू क्रिएट करना जरूरी है. बता दें कि इसे विकसित करने और तीन साल तक चलाने की अनुमानित लागत 90 करोड़ रुपये हो सकती है. फाइनेंशियल ईयर 2023 में आईआरसीटीसी की कुल टिकट बुकिंग में रेल कनेक्ट की करीब आधी हिस्सेदारी रही. बाकी टिकट आईआरसीटीसी की वेबसाइट से बुक की गई.

 

गौरतलब है कि पिछले महीने की शुरुआत में पता चला था कि भारतीय रेलवे ने 20 हजार फॉग पास डिवाइस लगाए थे. ट्रेन लेट और कोहरे से बचने के लिए इन्हें लगाया गया था. 2018 में, फॉग पास को पोर्टेबल डिवाइस की तरह यूज किया जा रहा था. ये डिवाइस लोको-पायलट को घने कोहरे की स्थिति में नेविगेट करने में मदद कर रहा था. ये डिवाइस ऑन-बोर्ड रियल टाइम जानकारी देता है. इसके साथ ही ये ट्रेन की स्पीड को भी नियंत्रित करने में भी मदद करता है.

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