प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की नौसेना को और भी सशक्त बनाने के लिए आज मुंबई में तीन प्रमुख युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि इन युद्धपोतों के शामिल होने से भारत की समुद्री ताकत में अभूतपूर्व वृद्धि होगी और देश रक्षा क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने की ओर बढ़ेगा।
स्वदेशी निर्माण में एक कदम और आगे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर का जलावतरण भारत के आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम है। इनमें से आईएनएस सूरत और आईएनएस नीलगिरि में 75% तक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। इससे भारत की नौसैनिक क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा, और भारत को रक्षा क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने की दिशा में मजबूती मिलेगी।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi receives Guard of Honour on his arrival in Mumbai, Maharashtra
Prime Minister will dedicate three frontline naval combatants INS Surat, INS Nilgiri and INS Vaghsheer to the nation on their commissioning at the Naval Dockyard in Mumbai today.… pic.twitter.com/Nd0j3a2khN
— ANI (@ANI) January 15, 2025
आईएनएस सूरत: दुनिया का सबसे बड़ा विध्वंसक युद्धपोत
आईएनएस सूरत को पी15बी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना के तहत विकसित किया गया है। यह युद्धपोत दुनिया के सबसे बड़े और सबसे उन्नत विध्वंसक युद्धपोतों में से एक है। इसमें अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर पैकेज के साथ नेटवर्क-केंद्रित क्षमताएं दी गई हैं।
आईएनएस नीलगिरि: अगली पीढ़ी की स्टील्थ फ्रिगेट
आईएनएस नीलगिरि पी17A स्टील्थ फ्रिगेट परियोजना का पहला युद्धपोत है। इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है। इसमें स्टील्थ टेक्नोलॉजी और लंबी दूरी तक संचालन की क्षमता है, जो इसे एक उन्नत और सक्षम युद्धपोत बनाता है।
आईएनएस वाघशीर: अत्याधुनिक पनडुब्बी
आईएनएस वाघशीर भारतीय नौसेना की एक अत्याधुनिक पनडुब्बी है, जिसे स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है। यह पनडुब्बी समुद्री सुरक्षा और रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने आईएनएस आंग्रे पर महायुति के विधायकों से भी संवाद किया। इस बैठक में भा.ज.पा., शिवसेना और एनसीपी के विधायक शामिल थे, और प्रधानमंत्री ने उन्हें सुशासन का मंत्र दिया।
इन तीन युद्धपोतों के समर्पण से भारत की समुद्री ताकत में महत्वपूर्ण इजाफा होगा, और यह रक्षा निर्माण और समुद्री सुरक्षा में भारत को एक अग्रणी राष्ट्र बनाएगा।