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एमपी में बिखर गया I.N.D.I.A गठबंधन, सपा मैदान में उतारेगी और प्रत्याशी!

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन की मुशीबतें बढ़ती जा रही हैं। सीटों को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में चल रही खींचतान के बीच सपा ने अपने और प्रत्याशी उतारने के संकेत दिए हैं। इसके बाद दोनों के बीच तल्खियों पर विराम लगने के बजाय बढ़ने लगी हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बीते दिन मध्य प्रदेश के सपा पदाधिकारियों के साथ बैठक कर मजबूती से लड़ने के साथ ही कुछ और प्रत्याशियों को मैदान में उतारने के संकेत दिए हैं।

By RNI Hindi Desk 
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सीनियर जर्नलिस्ट प्रताप राव की कलम से…

लखनऊ: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन की मुशीबतें बढ़ती जा रही हैं। सीटों को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में चल रही खींचतान के बीच सपा ने अपने और प्रत्याशी उतारने के संकेत दिए हैं। इसके बाद दोनों के बीच तल्खियों पर विराम लगने के बजाय बढ़ने लगी हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बीते दिन मध्य प्रदेश के सपा पदाधिकारियों के साथ बैठक कर मजबूती से लड़ने के साथ ही कुछ और प्रत्याशियों को मैदान में उतारने के संकेत दिए हैं। अखिलेश यादव ने प्रदेश कार्यालय पर एमपी के पदाधिकारियों के साथ काफी देर तक जमीनी हालात पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने पार्टी की तैयारियों का जायजा लिया। इसके बाद अखिलेश यादव जल्द ही एमपी चुनाव में प्रचार के लिए उतरेंगे।

नरम नहीं हुए अखिलेश के तेवर

बता दें कि एमपी में कांग्रेस द्वारा सपा को सीटें ने देने के बाद समाजवादी पार्टी अब तक प्रत्याशियों की चार सूची जारी कर चुकी है। जिसमें प्रदेश की 42सीटें शामिल हैं। इसमें तीन सीटों पर पार्टी ने अपने प्रत्याशी भी बदले हैं। साथ ही कांग्रेस से समझौता न होने के बाद पार्टी ने यहां करीब 50 सीटों पर लड़ने का मन बनाया है। प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस पर वादाखिलाफी और धोखा देने का आरोप लगाया था। इसके बाद से कांग्रेस के नेताओं ने अखिलेश यादव पर तीखी टिप्पणी की थी। मामला बढ़ता देख कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने हस्तक्षेप किया तो अखिलेश ने बयानबाजी पर भले ही लगाम लगाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन, जमीनी लड़ाई की तैयारी जारी रखने को कहा है। अखिलेश यादव का मतलब साफ है कि अगर तुम हमारे नहीं तो हम तुम्हारे लिए भी नहीं। गौरतलब है कि एमपी में नामांकन प्रक्रिया शनिवार को शुरू हो चुकी है। नामांकन के बाद प्रचार कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। मध्य प्रदेश के सपा अध्यक्ष रामायण सिंह पटेल की माने तो उन्होंने कुछ और सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था जिसमें अखिलेश यादव ने सहमति दे दी है। सपा नेताओं का कहना है कि पार्टी पूरी ताकत से एमपी में चुनाव लड़ेगी।

बहुजन समाज पार्टी ने ली चुटकी

इधर कांग्रेस और सपा की खींचतान पर बहुजन समाज पार्टी ने भी सोशल मीडिया पर खूब चुटकियां ली हैं। बसपा का कहना है कि पिछले दिनों से कांग्रेस और सपा में खूब बयानबाजी हो रही है। इससे साफ है कि दोनों के पास भाजपा से लड़ने का कोई वैचारिक आधार नहीं है। ये लोग केवल सत्ता पाने के लिए गठजोड करने के जुगाड़ में लगे हैं। अखिलेश यादव खुद उत्तर प्रदेश में अपनी विश्वसनीयता खोते जा रहे हैं। कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में सीटें न मिलने से सपा नाराज है। बयानबाजी तेज हुई तो फजीहत होने लगी। कांग्रेस की ओर से डैमेज कंट्रोल की कोशिश हुई है लेकिन सपा के तेवरों में नरमी नहीं आई।

अपने लोगों को नहीं मना पाई कांग्रेस

इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में सीट बंटवारे को लेकर कहा कि उन्होंने अपने लोगों से बातचीत की पूरी कोशिश की लेकिन हमारे लोग तैयार नहीं थे। सवाल कितनी सीट का नहीं बल्कि कौन सी सीट का था। मुझे सभी को और अपने संगठन को साथ लाना पड़ा। हम अपने लोगों को उन सीटों के लिए मना नहीं पाए जो सपा चाहते थी। अब देखने वाली बात यह होगी कि सीट बंटवारे में खींचतान के बाद आने वाले समय किस पार्टी को कितना नुकसान उठाना पड़ेगा।

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