रिपोर्ट: नंदनी तोंदी
वाराणसी: आजकल के दौर में जहां सब्ज़ियों में मिलावट इतनी बढ़ गई है इससे लोग काफी परेशान है। लोग अब बाहर से सब्ज़ी खरीदने से भी डरने लगे हैं। इसी को लेकर अब टेरेस गार्डेनिंग की जा रही है। इसके तहत अब लोग घर की सब्ज़ियों को खुद उगाकर खा सकते हैं। ऐसा ही एक उदहारण वाराणसी में देखने को मिला है।
आजकल के शहरों में लोग अपने स्वास्थ को लेकर काफी सक्रीय है। इसी वजह से लोग अपनी छत पर ही सब्जियां पैदा कर रहे हैं। वाराणसी के वैज्ञानिको ने एक ख़ास तकनीकी से टमाटर और आलू के पौधे में बैंगन उगाया है। वैज्ञानिकों की ये तकनीक एक बदलते दौर का उदहारण है।
इस विशेष पौधे को तैयार करने के लिए 24-28 डिग्री तापमान में 85 प्रतिशत से अधिक ह्यूमिडिटी और बिना लाइट के नर्सरी अवस्था में तैयार किया जाता है। ग्राफ्टिंग के 15-20 दिन बाद इसे खेत में बोया जाता है। ठीक मात्रा में उर्वरक, पानी और कांट- छांट के बाद ये पौधे रोपाई के 60-70 दिन बाद इन पौधों पर सब्जियां उगती हैं।
सबसे ख़ास बात तो ये है कि इस विधि से तैयार सब्जियों की गुणवत्ता में सुधार ज्यादा रहता है। इस विशेष तकनीक का प्रयोग साल 2013 के आसपास हुआ था। और अब आने वाले दिनों में इस तकनीक का प्रयोग किसान भी कर सकेंगे।