नई दिल्ली : देश में जारी कोरोना संकट के बीच महंगाई लगातार अपना पैर पसार रही है, जिसका प्रभाव आम जन-जीवन पर भी पड़ रहा है। इसी महंगाई का नतीजा का है कि लोगों द्वारा जमा किये गये पूंजी भी खर्च हो रही है। जिससे उनके भविष्य पर भी खतरा मंडरा रहा है। इस महंगाई के कारण आपका पॉकेट तेजी से खाली होने लगा है। वहीं, टैक्सपेयर्स के लिए यह परिस्थिति उतनी बुरी भी नहीं है। अगर आप टैक्सपेयर हैं और आपने निवेश किया है तो आपके लिए एक खुशखबरी है।
मिलेगा इंडेक्सेशन का लाभ
अगर कोई लंबे समय के लिए निवेश करता है तो उसे मैच्योरिटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स भी देना होता है। जानकारी के लिए बता दें कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर इंडेक्सेशन का लाभ (indexation benefit) भी मिलता है। इसका मतलब, इन्वेस्टमेंट पीरियड के दौरान इंफ्लेशन को आपके इन्वेस्टमेंट के साथ एडजस्ट किया जाता है।
नेट कैपिटल गेन घट जाता है
इंडेक्सेशन लाभ (indexation benefit) के कारण आपके नेट कैपिटल गेन घट जाता है और घटी हुई राशि पर ही टैक्स चुकाना होता है। ऐसे में अगर अभी महंगाई दर ज्यादा है तो इंडेक्सेशन का लाभ भी ज्यादा मिलेगा और नेट कैपिटल गेन कम हो जाएगा। हालांकि, इस परिस्थिति का लाभ केवल उन टैक्सपेयर्स को मिलेगा जिन्होंने लॉन्ग टर्म के लिए निवेश किया है और अपने इन्वेस्टमेंट पर कैपिटल गेन प्राप्त करते हैं।
हर साल जारी किया जाता है इंफ्लेशन इंडेक्स
महंगाई को ध्यान में रखते हुए हर साल सरकार की तरफ से कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स यानी CII की घोषणा की जाती है। जिस साल के लिए इसकी घोषणा होती है, उस वित्त वर्ष में खरीदे गए सभी असेट पर इसी दर से इंडेक्सेशन का लाभ मिलता है। वित्त वर्ष 2021 के लिए अप्रैल 2020 से लेकर मार्च 2021 तक किसी भी महीने में असेट में खरीदारी करने पर इसका समान लाभ मिलता है।
1 लाख से ज्यादा कैपिटल गेन पर लगता है टैक्स
अगर इन्वेस्टमेंट 12 महीने से ज्यादा का है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है और यह 10 फीसदी है। एक वित्त वर्ष में 1 लाख से ज्यादा होने वाले कैपिटल गेन पर ही यह टैक्स लागू होता है। इंडेक्सेशन का लाभ 1 लाख से ज्यादा होने वाले कैपिटल गेन पर मिलता है। उसके बाद टैक्स का कैलकुलेशन होता है।