नई दिल्ली: बरसात के सीजन शुरू होते डेंगू, मलेरिया और फ्लू समेत आंखों में इन्फेक्शन के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। दिल्ली-एनसीआर, गुजरात से लेकर छत्तीसगढ़, बिहार समेत कई राज्यों में आई इन्फेक्शन या कंजक्टिवाइटिस के मरीज आ रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि यह बेहद संक्रामक है। लोगों को बचने के लिए लगातार साफ सफाई रखने की जरूरत है। अस्पतालों में आंख दिखाने आ रहे मरीजों की कतार लगी हैं। आंखें लाल होने से लेकर खुजली, पानी बहना और इरिटेशन जैसी समस्याएं हो रही हैं। डॉक्टर्स बताते हैं कि इन मामलों के बढ़ने के पीछे मौसम में बदलाव होना प्रमुख वजह है। उन्होंने गर्मी और उमस के चलते वायरस में म्यूटेशन की संभावना भी जताई है।
छोटे बच्चे ज्यादा प्रभावित
बढ़ते आई फ्लू के शिकार ज्यादातर छोटे स्कूली बच्चे हो रहे हैं। कई निजी स्कूलों ने अभिभावकों के नाम सर्कुलर जारी किया है। आई फ्लू होने पर बच्चों को दो-तीन दिन तक स्कूल ना भेजें क्योंकि यह फैलने वाली बीमारी है और आंखों को आराम देना जरूरी है। इस मौसम में आई फ्लू के अलावा डायरिया, टाइफाइड के मामले भी काफी सामने आ रहे हैं। दिल्ली गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स असोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि इस मामले में डॉक्टर्स से सलाह लेकर जरूरी कदम उठाया जाय। कंजक्टिवाइटिस का सबसे आम लक्षण आंखों का लाल होना है। इसके अलावा आंखों में खुजली, जलन और पानी बहने की समस्या भी आ सकती है। मरीज फोटो-सेंसिटिव हो सकते हैं यानी उन्हें तेज रोशनी से परेशानी हो सकती है। डॉक्टर्स मरीजों को काला चश्मा पहनने की सलाह देते हैं।
आई फ्लू बेहद संक्रामक
डॉक्टर्स बताते हैं कि यह वायरल इन्फेक्शन है जो बेहद संक्रामक है। वायरस संपर्क या तरल के जरिए फैलता है, इसलिए साफ सफाई रखना बहुत जरूरी है। आंखों को हाथों से न छुएं। दूसरे लोगों के संपर्क में आने से बचें। अगर बच्चों को इन्फेक्शन हो तो 3-5 दिनों के लिए आइसोलेट कर दें। बताया जा रहा है कि कंजक्टिवाइटिस जैसे इन्फेक्शन को ठीक होने में एक-दो हफ्ते लगते हैं। लेकिन इस बार लोगों को ज्यादा एंटीबायोटिक्स देने की जरूरत पड़ रही है। आंख की पुतली के सफेद हिस्से यानी कंजक्टिवा में सूजन को कंजक्टिवाइटिस कहते हैं। यह अधिकतर किसी वायरल इन्फेक्शन के जरिए फैलता है। कंजक्टिवाइटिस बेहद संक्रामक है और बड़ी तेजी से इसका प्रसार होता है।