चीन में फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का प्रकोप अब भारत तक पहुंच गया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने पुष्टि की है कि कर्नाटक में दो लोग HMPV से संक्रमित पाए गए हैं। इस स्थिति को देखते हुए कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने आपात बैठक बुलाकर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
HMPV वायरस के फैलाव को लेकर भारत में अलर्ट
स्वास्थ्य मंत्रालय ने HMPV के बढ़ते खतरे को देखते हुए देशभर में निगरानी तेज कर दी है। आंध्र प्रदेश सरकार ने भी अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि यह वायरस कोविड-19 की तरह ही एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों, बच्चों, और बुजुर्गों को इस वायरस से अधिक खतरा है।
HMPV के लक्षण और प्रभाव
HMPV वायरस मुख्यतः इंसानों की श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है।
सर्दी, खांसी, बुखार, और कफ
गला और श्वांस नली में जाम (सीटी जैसी खरखराहट)
गंभीर मामलों में ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों की सूजन) और निमोनिया
संक्रमण का प्रभाव
बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा असर
कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत
वैक्सीन और उपचार की स्थिति
HMPV से बचाव के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। एंटीवायरल दवाएं इस वायरस पर प्रभावी नहीं हैं। लक्षणों को कम करने के लिए उपचार दिया जाता है।
क्या है HMPV?
पहचान: 2001 में नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने पहली बार इस वायरस की पहचान की।
यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या संपर्क में आने से फैलता है।
मौसमी संक्रमण के रूप में दर्ज, लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह पूरे साल सक्रिय रहता है।
ICMR की चेतावनी और सरकार की तैयारी
ICMR ने HMPV के मामलों को गंभीरता से लेते हुए कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। नमूने की जांच सरकारी लैब में कराई जा रही है।
HMPV की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जागरूकता और सावधानी जरूरी है।
भीड़भाड़ से बचें
व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन करें।
लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें।