रिपोर्ट: सत्यम दुबे
मुंबई: महाराष्ट्र में चल रहे उथल-पुथल के बीच सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा फैंसला दिया है। हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जॉच का आदेश जारी कर दिया है। इस दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि 15 दिन के भीतर ही जांच रिपोर्ट सौंपा जाय। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि परमबीर सिंह पर लगे सभी आरोप गंभीर हैं।
On petition of Dr Jaishri Patil, Bombay HC asks CBI to start a preliminary inquiry within 15 days into corruption allegations of former Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh against Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh. pic.twitter.com/qfdQV1Pis7
— ANI (@ANI) April 5, 2021
आपको बता दें कि मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटाये जाने के बाद परमवीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिठ्ठी लिखकर दावा किया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बार और रेस्ट्रोरेंट से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था। इसके बार परमबीर हाई कोर्ट पहुंचे थे।
Bombay High Court has asked the CBI director to conduct a preliminary inquiry within 15 days and to register an FIR if any cognizable offence is found: Petitioner Dr Jaishri Patil https://t.co/eCgxRuepwN pic.twitter.com/VRTEzDXQBA
— ANI (@ANI) April 5, 2021
महाराष्ट्र की सियासत और प्रशासन उस वक्त हिल गया था, जब मनसुख हिरेन की मौत की जॉच में मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे फंसा था। सचिन वाजे के फंसने के बाद परमवीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था। जिसके बाद लगातार वहां की सियासत और प्रशासन में उथल पुथल मचा है।
While hearing on Dr Jaishri Patil’s plea regarding allegations of former Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh, Bombay High Court says Anil Deshmukh is the Home Minister and no impartial probe can be done by the police.
— ANI (@ANI) April 5, 2021
इससे पहले परमवीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां से उनको मायूसी ही मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि आप बॉम्बे हाईकोर्ट जाइये। वहां से मायूसी मिलने के बाद तत्काल परमवीर सिंह ने हाईकोर्ट का रुख किया। सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए ब़ड़ा आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने कहा कि अनिल देशमुख पर ये आरोप लगे हैं इसकी जांच के लिए हम पुलिस पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। इसकी निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच की जरूरत है।