नई दिल्ली : हरतालिका तीज व्रत, हिंदू महिलाओं के व्रतों में एक विशेष स्थान रखता है। मान्यता है कि इस व्रत को महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन के लिए रखती हैं। इस व्रत को सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है क्योंकि यह व्रत निर्जला रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है।
हरतालिका तीज व्रत कब है?
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 8 सितंबर, दिन बुधवार को देर रात 2 बजकर 33 मिनट पर होगा। यह तिथि 09 सितंबर को रात 12 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में यह व्रत उदया तिथि में 09 सितंबर को रखा जाएगा।
हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त-
हरतालिका तीज की पूजा के दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। पहला शुभ मुहूर्त सुबह के समय और दूसरा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद बन रहा है।
सुबह का मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 03 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त है। पूजा के लिए आपको कुल समय 02 घंटे30 मिनट का समय मिलेगा।
प्रदोष काल पूजा मुहूर्त- शाम को 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है।
हरतालिका तीज व्रत के दिन बन रहा यह दुर्लभ संयोग
माता पार्वती की कृपा से भगवान शिव को प्रसन्न करने का पर्व है हरतालिका तीज व्रत। यह व्रत हर साल भादो शुक्ल तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस हरतालिका व्रत पर करीब 14 वर्ष बाद रवि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है।
हरितालिका तीज व्रत के पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजाकर 10 मिनट से रात 7 बजकर 54 मिनट तक है। पंचांग के अनुसार शाम 5 बजकर 14 बजे से रवियोग का दुर्लभ संयोग प्राप्त होगा। ज्योतिषशास्त्र में रवि योग को बेहद प्रभावशाली माना गया है। कहा जाता है कि रवि योग से कई अशुभ योग निष्प्रभावी हो जाते हैं।
कहा जाता है कि अविवाहित कन्याएं यदि रवि योग में शिव-पार्वती का पूजन करें तो उनके विवाह में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती है तथा विवाहितों का वैवाहिक जीवन सुखमय व्यतीत होने लगता है।
हरतालिका तीज महत्व-
हरतालिका तीज व्रत करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुयोग्य वर की भी प्राप्ति होती है। संतान सुख भी इस व्रत के प्रभाव से मिलता है।
पूजा विधि (Hartalika Teej 2021 Puja Vidhi)-