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सरकार बनने से पहले ही तालिबान में पड़ गई फूट, सत्ता के बंटवारे पर आमने-सामने आये हक्कानी ग्रुप और मुल्ला बरादर

अफगानिस्तान पर अपना कब्जा जमाने के बावजूद भी तालिबान अब तक अपने सरकार का गठन नहीं कर सका है। इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे है। आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से अफगानिस्तान में जल्द ही सरकार बनाने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन हर बार तालिबान की ओर से तारीख बढ़ा दी जा रही है। अब इसके पीछे का कारण भी पता चल गया है।

By: Amit ranjan 
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सरकार बनने से पहले ही तालिबान में पड़ गई फूट, सत्ता के बंटवारे पर आमने-सामने आये हक्कानी ग्रुप और मुल्ला बरादर

नई दिल्ली : अफगानिस्तान पर अपना कब्जा जमाने के बावजूद भी तालिबान अब तक अपने सरकार का गठन नहीं कर सका है। इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे है। आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से अफगानिस्तान में जल्द ही सरकार बनाने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन हर बार तालिबान की ओर से तारीख बढ़ा दी जा रही है। अब इसके पीछे का कारण भी पता चल गया है।

ऐसा माना जा रहा है कि तालिबान के गुटों में सत्ता के बंटवारे को लेकर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसे लेकर तालिबान की ओर खुद इस बात को स्वीकार किया गया है कि हक्कानी ग्रुप और तालिबान इस्लामिक अमीरात में सत्ता के बंटवारे को लेकर मतभेद हैं। इसी वजह से सरकार के गठन में देरी हो रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हक्कानी ग्रुप अफगानिस्तान की नई सरकार में किसी भी अन्य दल की मौजूदगी नहीं चाहता है। जबकि मुल्ला बरादर की अगुवाई में तालिबान की कोशिश है कि अफगानिस्तान के अलग-अलग तबकों को साथ लाया जाए और सरकार में शामिल किया जाए। इसी मुद्दे को लेकर दोनों गुटों में मतभेद हो रहा है।

 

अफगान मीडिया द्वारा रिपोर्ट किया गया है कि बीते दिनों पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ भी काबुल में पहुंचे हैं। जानकारी है कि उन्हें तालिबान द्वारा बुलाया गया है, ताकि सरकार गठन से पहले उनके संगठनों में जो मतभेद हैं उसे दूर करवाया जा सके। ऐसे में हक्कानी ग्रुप और तालिबान के बीच सुलह का मामला ISI देख रही है।

तालिबान का पंजशीर पर दावा

गौरतलब है कि अब तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जा किए हुए लगभग एक महीना होने वाला है। ऐसे में सरकार गठन को लेकर दुनिया की नज़रें उसपर टिकी हैं। मुल्ला बरादर को सरकार का प्रमुख बनाया जा सकता है, जबकि मुल्ला हिब्तुल्ला अखुंदजादा को अफगानिस्तान का सुप्रीम लीडर बनाया जा सकता है।

पहले तालिबान को पंजशीर के मोर्चे पर दिक्कत हो रही थी, लेकिन अब दावा है कि तालिबान ने पंजशीर पर कब्जा कर लिया है। तालिबान के लड़ाकों ने यहां अपना झंडा भी लहरा दिया है। नॉर्दर्न एलायंस के कई अहम कमांडरों को तालिबान ने मार देने का दावा किया है। वहीं NRF ने तालिबान के दावे को खारिज किया है और तालिबान से बातचीत की पेशकश की है।

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