रिपोर्ट: मोहम्मद आबिद
लखनऊ: दिल्ली की सीमाओं पर दो महीने से ज्यादा समय हुए किसानों का आदोलन जारी है और लगातार यह आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है और आंदोलन से जुड़े हुए लोगों पर सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने 162 किसानों पर शांति के उल्लंघन को लेकर नोटिस जारी किया था जिसमें सीतापुर में कानून का उल्लंघन को रोकने के लिए टैक्टर रखने वाले किसानों से 50 हजार रूपये से लेकर 10 लाख रूपये तक के निजी बॉन्ड भरने की मांग रख दी थी।
वहीं अब पूरे मामले में यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा है की उसने 162 किसानों के लिए तैयार किए गए ‘शांति के उल्लंघन’ से जुड़े नोटिस रोक दिए हैं।
पिछले हफ्ते ही इस मामले में पीआईएल दायर होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी अफसरों से जवाब मांगा था। पीआईएल में किसानों की तरफ से एक्टिविस्ट अरुंधति धुरु ने कहा था कि सीतापुर जिला प्रशासन ने 19 जनवरी को ट्रैक्टर रखने वाले सभी किसानों को नोटिस जारी किया। जिससे किसानों को आंदोलन में भाग लेने से रोका जा सकता है।
मामले में 25 जनवरी को सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रशासन से निजी बॉन्ड की इतनी बड़ी रकम मांगने की वजह पूछी गई। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में 2 फरवरी को सुनवाई की और अपने फाइनल ऑर्डर में कोर्ट ने कहा, “हमें यूपी सरकार की ओर से पेश हुए और जनरल वीके शाही की तरफ से जानकारी मिली कि 162 किसानों को 1साल तक शांति बनाए रखने के लिए 10 लाख रुपए का बॉन्ड और दो जमानत भरवाने के जो नोटिस जारी किए गए थे। वहीं दूसरी तरफ इससे पहले प्रशासन ने किसानों को नोटिस जारी कर कहा था की एक साल तक शांति रखने के लिए 10 लाख रूपये के लिए बॉन्ड ने भरवाई जाए।