गौतमबुद्ध नगर: राजस्व विभाग के लगभग 1100 करोड़ रुपये राजस्व के रूप में फंसा हुआ है। बिल्डरों ने फ्लैट्स बायर्स को फ्लैट पर कब्जा दे दिया और रजिस्ट्री नहीं कराई।
गौतमबुद्ध नगर में 33,617 फ्लैट्स बायर्स ऐसे हैं, जिनकी रजिस्ट्री ही नहीं हुई। अब इसको बिल्डरों पर सरकार का नरम रुख कहें या बिल्डरों की मनमानी।
नियम के मुताबिक बिल्डर को कम्पलीशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद बायर्स की रजिस्ट्री करानी होती है। लेकिन ऐसा नहीं होने पर नतीजा ये कि सरकार का 1 हजार करोड़ से ज्यादा पैसा फंसा हुआ है।
गौतमबुद्ध नगर DIG स्टाम्प जीपी सिंह ने बताया कि प्राधिकरण ने जिन बिल्डर्स की योजनाओं को कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी किया गया।
जिनकी सब लीज रजिस्ट्री कराने में कोई बाधा नहीं है, ऐसे 35,671 फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं हुई। जिसकी वजह से लगभग 1100 करोड़ रुपये रजिस्ट्री विभाग का फंसा हुआ हैं।
बिल्डर से लगातार संपर्क में है राजस्व विभाग:
जीपी सिंह कहना है कि राजस्व विभाग बिल्डर से लगातार संपर्क में हैं। और कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा रजिस्ट्री हो ताकि राजस्व की प्राप्ति हो सके।
राजस्व विभाग की कोशिश है कि उनको दस्तावेज मिल जाए, ताकि भविष्य में वह कोई कार्रवाई करना चाहे तो कागजों के आधार पर की जा सके।
1.उप निबंधन, प्रथम, 9290, 467.28
2.उप निबंधन, द्वितीय, 9569, 289.31
3.उप निबंधन, तृतीय, 5868, 145.98
4.उप निबंधन, ग्रेनो, 8890, 194.24
कुल- 33,617
बकाया-1096.81