नई दिल्ली : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख देश छोड़कर भागने की फिराक में है। इसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देशमुख के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। जिससे वो देश छोड़कर बाहर न जा सकें।
बता दें, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाया था। उन पर पुलिस अधिकारियों के गलत इस्तेमाल, जबरन वसूली करवाना व ट्रांसफर-पोस्टिंग में दखल का भी आरोप है। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है।
Enforcement Directorate issued a lookout notice against former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh in connection with a money laundering case
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— ANI (@ANI) September 6, 2021
पांच बार भेजा जा चुका है समन
100 करोड़ की वसूली की जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय की ओर से अब तक पांच बार समन जारी किए गए, लेकिन वे एक बार भी ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें राहत देने से इंकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने के बाद अब उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। ईडी का मानना है कि अब वह गिरफ्तारी से बचने के लिए विदेश भाग सकते हैं इसलिए उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका पेंडिंग
देशमुख ने एजेंसी के समन को रद्द करने के लिए 2 सितंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था। हालांकि, याचिका पर अभी तक सुनवाई नहीं हुई है। ईडी अब तक देशमुख को पांच समन जारी कर पूछताछ के लिए पेश होने को कह चुका है। हालांकि, देशमुख ने हर सम्मन को यह कहते हुए लौटा दिया कि वह कानूनी कदम उठा रहे हैं।
ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से अनिल देशमुख के खिलाफ दायर भ्रष्टाचार के एक मामले के आधार खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। इस मामले में अनिल देशमुख जुड़े अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं।
अनिल देशमुख पर लगे हैं ये आरोप
आपको बता दें कि देशमुख पर गृह मंत्री रहते हुए अपने पद का कथित रूप से दुरुपयोग करने का आरोप है। यह भी आरोप है कि नेता ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के जरिए मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र करवाए। कथित तौर पर देशमुख के परिवार का एक शैक्षिक ट्रस्ट, नागपुर में श्री साईं शिक्षण संस्थान हैं जहां धन की हेराफेरी की गई। सारे आरोप मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह ने लगाए थे।
सीबीआई ने 5 अप्रैल को बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर इस साल 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। हालांकि, देशमुख ने बार-बार किसी भी तरह के कदाचार से इनकार किया है। हालांकि उन्हें गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा।
इन लोगों की हो चुकी हैं गिरफ्तार
ईडी ने अनिल देशमुख के मुंबई और नागपुर के ठिकानों पर छापेमारी की थी। उसके बाद उनके निजी सचिव और निजी सहायक की गिरफ्तारी की थी। जांच रिपोर्ट लीक होने को लेकर सीबीआई ने उनके दामाद से पहले पूछताछ की थी। अनिल के वकील की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।
क्या है लुकआउट नोटिस
इस नोटिस के जारी करने का मकसद किसी को भी विदेश जाने से रोकना होता है। यानी संबंद्ध व्यक्ति एयरपोर्ट पर पहुंचता है, तो वहां की एजेंसी नोटिस जारी करने वाली एजेंसी को जानकारी देती है।