1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. UP में नहीं बढ़ेंगी बिजली की दरें, योगी सरकार ने उपभोक्ताओं को दी बड़ी राहत

UP में नहीं बढ़ेंगी बिजली की दरें, योगी सरकार ने उपभोक्ताओं को दी बड़ी राहत

यूपी में आगामीं विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार बिजली दरों को लेकर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। यूपी इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन UPERC ने गुरुवार को ऐलान किया कि सूबे में बिजली की दरें इस साल भी नहीं बढ़ांई जायेंगी।

By: RNI Hindi Desk 
Updated:
UP में नहीं बढ़ेंगी बिजली की दरें, योगी सरकार ने उपभोक्ताओं को दी बड़ी राहत

रिपोर्ट: सत्यम दुबे

लखनऊ: यूपी में आगामीं विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार बिजली दरों को लेकर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। यूपी इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन UPERC ने गुरुवार को ऐलान किया कि सूबे में बिजली की दरें इस साल भी नहीं बढ़ांई जायेंगी। वर्तमान टैरिफ साल 2021-22 में सभी उपभोक्ता श्रेणियों के लिए पुरानी दरें ही लागू रहेंगी।

आपको बता दें कि एक तरफ जहां बिजली कम्पनियों के लिए सरकार के इस फैसले से झटका लगने के तौर पर  देखा जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहतभरी खबर है। बिजली बनाने वाली कम्पनियों ने स्लैब परिवर्तन और रेगुलेटरी असेट के आधार पर बिजली की दरों में 10 से 12 प्रतिशत के इजाफे का प्रस्ताव रखा था।  जिसको उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने पूरी तरह से खारिज कर दिया। कहा जा रहा है कि सूबे में होने वाला विधानसभा चुनाव भी बिजली की महंगाई रोकने का एक कारण हो सकता हैं।

UPERC के अध्यक्ष आरपी सिंह और सदस्य केके शर्मा और वीके श्रीवास्तव की बेंच ने गुरुवार को राज्य के बिजली वितरण निगमों की ओर से 2021-22 के लिए ऐनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट ARR दायर की और परिवर्तन याचिका पर फैसला सुनाते हुए एक टैरिफ आदेश जारी किया है।

आपको बता दें कि 49 हजार करोड़ रुपये से अधिक की रेगुलेटरी असेट वाली बिजली कंपनियों को भी इस वर्ष लगभग 1,059 करोड़ रुपये का उपभोक्ता शुल्क लगेगा। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में केवल एक बार बिजली दरों में वृद्धि की थी। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि सभी बिजली कंपनियों के मौजूदा गैप/सरप्लस की स्थिति के चलते 2021-22 में पिछले साल की तरह ही दरें बरकरार रखी जाएंगी।

इसके साथ ही आयोग ने बिजली कंपनी टैरिफ श्रेणियों और उपश्रेणियों (स्लैब) के साथ-साथ नियामक संपत्तियों को रेशनलाइज करने की योजना को खारिज कर दिया है। आयोग की तरफ से आदेश में साफतौर पर कहा गया कि स्मार्ट मीटर से जुड़ी कोई भी कीमत का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाली जाएगी।

वहीं UPERC टैरिफ पर दिए गए फैसले में कहा है कि अगर ग्रामीण इलाकों में किसानों के निजी नलकूपों पर मीटर लग भी जाते हैं, तो बिना मीटर के श्रेणी दर केवल 170 रुपये प्रति हॉर्स पावर प्रति माह होगी। रेगुलेटरी कमीश की 2021-22 की बिजली दरें अगस्त के दूसरे सप्ताह से लागू हो सकती हैं।

टैरिफ आदेश को प्रकाशित करने की केवल कानूनी औपचारिकता पूरी की जानी बाकी है। टैरिफ प्रकाशित होने के सात दिन बाद प्रभावी हो जाएंगे। साल 2003 के विद्युत अधिनियम के नियमों के अनुसार, टैरिफ आदेश जारी होने के तीन दिनों के भीतर सार्वजनिक किया जाना चाहिए, और दरें प्रकाशन के सात दिनों के बाद प्रभावी होनी चाहिए।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...