रिपोर्ट: गीतांजली लोहनी
नई दिल्ली: नशे की आदत होना बेहद हानिकारक होता है। किसी भी प्रकार का नशा हमारे शरीर को पूरी तरह से नष्ट कर देता है साथ ही साथ इसकी आदत इंसान के करियर को भी और रिश्तों को भी खराब कर देती है। लेकिन क्या आप जानते है कि किसी भी इंसान के नशा करने के पीछे कोई बहाना नहीं बल्कि इसकी एक वजह कुंडली में ग्रहों की चाल भी होती है।
धुम्रपान का आदि बनाता है राहु-
जी हां ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से बुरी आदतों का प्रमुख कारण राहु को माना जाता है।अगर आपकी कुंडली में राहु पहले, दूसरे, सातवें या 12वें भाव में बैठा है तो आपको नशे की आदत होने की पूरी संभावना होती है। अगर राहु आपकी कुंडली में दूसरे भाव में बैठा है तो आप में सबसे ज्यादा प्रभाव हो सकता है। कुंडली में राहु के बैठने से धुम्रपान का नशा सबसे ऊपर मना जाता है।
इस योग में चंद्रमा हो तो शराबी बन सकते है आप-
चंद्रमा को मादक पदार्थों और शराब का कारक माना गया है। अगर कुंडली में चंद्रमा पर राहु का प्रभाव हो या दोनों ग्रह साथ में हों तो ऐसा व्यक्ति शराबी हो जाता है। इतना ही नहीं उसके लिए शराब छोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा वो अन्य आदतों के कारण अपना जीवन बर्बाद भी कर लेता है।
ये हैं नशे की लत के दूसरे योग-
– अगर कुंडली में शुक्र के साथ राहु विराजमान हैं या दोनों ग्रह संबंध बना रहे हों तो भी व्यक्ति शराबी हो सकता है।
– इस युति में अगर शुक्र नीच का है तो व्यक्ति शराब के साथ दूसरे नशे का आदि भी हो सकता है।
– अगर इन पर शनि और मंगल का प्रभाव हो तो हालात और भी ज्यादा बिगड़ सकते हैं।
– हालांकि अगर चंद्र-राहु और शुक्र-राहु की युति पर बृहस्पति की दृष्टि हो तो जातक नशे की लत से आसानी से मुक्ति पा सकता है।