भारत की राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के कारण लगातार गंभीर बनी हुई है। बुधवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 339 दर्ज किया गया था, जो कि “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। बढ़ते प्रदूषण और ठंड के साथ दिल्ली-NCR अब कोहरे और स्मॉग की चादर में भी ढका हुआ दिखाई दे रहा है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण का स्तर “बहुत खराब” श्रेणी में पहुंच चुका है। दिल्ली के कई हिस्सों में AQI 400 के पार पहुंच गया है, जो अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्र माना जाता है। इसके अंतर्गत आनंद विहार में 404, जहांगीरपुरी में 418, मुंडका में 406, रोहिणी में 415 और वजीरपुर में 424 AQI रिकॉर्ड किया गया है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता का वर्तमान स्तर सांस लेने की समस्याओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ कई घाटक बीमारियों को भी दावत दे सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि AQI का यह स्तर लंबे समय तक रहने पर लोगों में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है।
प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को रात में काम करने वाले कर्मचारियों को ठंड से बचने के लिए हीटर वितरित किए, ताकि लोग अलाव जलाने से बच सकें, जो एक अन्य प्रदूषण स्रोत बन सकता है। राय का कहना है कि दिल्ली सरकार ठंड के मौसम में प्रदूषण से निपटने के लिए ठोस उपायों पर काम कर रही है।
चिकित्सकों और विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि इस दौरान बुजुर्गों, बच्चों और श्वसन संबंधी रोगों से ग्रसित लोगों को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। साथ ही, घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग और प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क पहनने की सलाह भी दे रहे हैं।
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This Post is written by Shreyasi