उत्तर प्रदेश में भूमाफियाओं पर लगाम कसने के लिए मुजफ्फरनगर की डीएम ने पहल करते हुए एक सॉफ्टवेयर तैयार कराया है। डीएम सेल्वा कुमारी जयराजन धरा नाम के इस सॉफ्टवेयर को आधिकारिक रूप से मकर संक्रांति के दिन लॉन्च करेंगी।
इस सॉफ्टवेयर के जरिए सरकारी और लोगों के जमीनों की जियो टैगिंग की जाएगी। सरकारी जमीनों, तालाब समेत अन्य परिसंपत्तियों का ब्यौरा इस सॉफ्टवेयर में दर्ज होगा। सरकारी जमीनों पर कब्जा और उसे बेचने के मामले पर इस सॉफ्टवेयर के जरिए अंकुश लगाया जा सकेगा।
योगी सरकार हर जिले की जमीनों और संपत्तियों की जियो टैगिंग इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से करने की तैयारी में है। मुजफ्फरनगर डीएम सेल्वा कुमारी जयराजन ने दावा किया है कि इस सॉफ्टवेयर की वजह से भूमाफिया सरकारी जमीन को न तो बेच सकेगा और न ही उस पर कब्जा कर सकेगा। जिन सरकारी जमीनों पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर रखा है, उसको खाली कराने में धरा सॉफ्टवेयर मददगार साबित होगा।
डीएम सेल्वा कुमारी जयराजन ने बताया कि धरा सॉफ्टवेयर जीआईएस पर आधारित है। गूगल मैपिंग में ग्राम समाज की भूमि, तालाब, चारागाह समेत अन्य जमीनों का ब्यौरा इसमें देखा जा सकेगा। इस सॉफ्टवेयर में यह जानकारी भी रहेगी कि किन सरकारी जमीन पर कब्जा या अतिक्रमण है या किन जमीनों पर अदालत में सुनवाई चल रही है। इस सॉफ्टवेयर में विकास प्राधिकरणों का मास्टर प्लान भी होगा। किन जमीनों पर निर्माण हो सकता है और किन पर नहीं, यह सब सॉफ्टवेयर में दर्ज होगा।
इससे भूमाफिया ग्रीन बेल्ट की जमीनों को फर्जीवाड़े से बेच नहीं पाएंगे। डीएम ने कहा कि इस सॉफ्टवेयर की मदद से प्रशासन को भी कार्रवाई करने में आसानी होगी। कोई भू-माफिया ग्राम समाज की जमीन को बेचने की कोशिश करेगा तो वह राजस्व विभाग के संज्ञान में आ जाएगा। फिर राजस्व विभाग के अधिकारी भू-माफिया के खिलाफ तुरंत कार्रवाई कर सकेंगे।
आईएएस अधिकारी सेल्वा कुमार जयराजन 2006 बैच की हैं और वो कासगंज, कन्नौज, बहराइच, एटा, फतेहपुर, इटावा और फिरोजाबाद में जिलाधिकारी के पद पर रह चुकी हैं। उन जिलों में काम करते हुए डीएम ने पाया था कि भूमाफिया ग्राम समाज की जमीनों को धोखाधड़ी से बेच देते हैं और राजस्व विभाग बाद में उस पर कार्रवाई करता था। त्वरित कार्रवाई के लिए डीएम ने धरा सॉफ्टवेयर तैयार कराया। योगी सरकार ने भी भू माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ने का निर्देश अफसरों को दे रखा है।