राज्यसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अपनी तीनों सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं, लेकिन इन सीटों में सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का नाम नहीं है। ऐसे में अब साफ हो गया है कि सपा प्रमुख की पत्नी राज्यसभा नहीं जा रही हैं।
वहीं, एक बार फिर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है कि डिंपल यादव आजमगढ़ से ही लोकसभा उपचुनाव लड़ सकती हैं। वहीं, इन अटकलों को अखिलेश यादव के महीने की शुरुआत में दो दौरों ने पुख्ता कर दिया है।
दरअसल हाल में ही संपन्न यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद उन्होंने आजमगढ़ लोकसभा सीट को छोड़ दिया, जिसके कारण उपचुनाव होना है। वहीं, बुधवार को चुनाव आयोग ने उपचुनाव की तिथि का ऐलान कर दिया है। जबकि 6 जून से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो जायेगी।
बता दें कि राज्यसभा के लिए सपा की तरफ से तीन सीटों में से एक सीट पर सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को उतारे जाने की संभावना थी,लेकिन गुरुवार को सपा ने इस सीट से राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को प्रत्याशी बना दिया है। इसके बाद डिंपल यादव का राज्यसभा जाने का रास्ता बंद हो गया है। वहीं, समाजवादी पार्टी अब डिंपल यादव को आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में उतार सकती है।
दरअसल अखिलेश यादव मई महीने में एक सप्ताह के अंदर दो बार आजमगढ़ का दौरा कर पार्टी के नेताओं से भी राय मशवरा कर चुके हैं। वहीं, सूत्रों का दावा है कि सपा प्रमुख हर हाल में पूर्वांचल में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए आजमगढ़ सीट को नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। जबकि दूसरा कारण यह भी है कि अगर स्थानीय नेताओं को टिकट मिलता है तो पार्टी में गुटबाजी का खतरा भी बढ़ सकता है, इसलिए सपा मुखिया अखिलेश यादव इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखने के लिए पत्नी डिंपल यादव को उपचुनाव में उतारना चाह रहे हैं।
कहा तो यहां तक जा रहा है कि अखिलेश यादव के आजमगढ़ दौरे के दौरान ही स्थानीय नेताओं ने डिंपल यादव के नाम पर मुहर भी लगा दी है।