नई दिल्ली : कोरोना के पहले चरण की ही तरह दूसरे चरण में भी महाराष्ट्र के हालात बद से बदतर है। जिसे लेकर उद्धव सरकार ने 15 दिनों का लॉकडाउन जैसा कर्फ्यू लगाया है। लेकिन इसके बावजूद भी लोग लगातार बेपरवाह नजर आ रहें है। लोगों के इसी लपरवाही को लेकर डिप्टी सीएम अजित पवार ने बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि, “अगर लोग वर्तमान में लागू किए गए कोविड-19 पाबंदियों का पालन नहीं करते हैं, तब हमें पिछले साल की तरह लॉकडाउन लगाने का विचार करना पड़ सकता है।”
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शुक्रवार को एक दिन में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा 63,729 नए मामले आये। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि संक्रमण के चलते 398 लोगों की जान चली गई। राज्य में पिछले एक दिन का सबसे ज्यादा आंकड़ा 11 अप्रैल को 63,294 दर्ज किया गया था जबकि 15 अप्रैल को आंकड़े में थोड़ी गिरावट देखी गई।
वहीं इस दौरान पवार ने डॉक्टरों से भी अपील की। उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के परिजन डॉक्टर से रेमडिसिवर उपलब्ध कराने पर जोर देते हैं बिना संक्रमण की गंभीरता को समझे हुए। उन्होंने अपील की कि सिर्फ विषम परिस्थिति में ही रेमडिसिवर का इस्तेमाल करें और कुछ प्रबंध करने की जरूरत नहीं। सरकार उस सिलसिले में काम कर रही है। सभी विधायकों को कोविड-19 से जुड़े काम को अपने इलाके या विधानसक्षा क्षेत्र में कराने के लिए फंड का 1 करोड़ इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है। पिछले साल भी उन्हें 50 लाख उनके सालाना फंड से इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई थी।
बता दें कि कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मंगलवार को पूरे राज्य में 15 दिन के कर्फ्यू का एलान किया था। 13 अप्रैल को सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य के नाम संबोधन में उन्होंने कहा था कि, “आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर कर्फ्यू 14 अप्रैल रात 8 बजे से प्रभावी होगी और 1 मई तक सुबह 7 बजे तक लागू रहेगी। आईपीसी की धारा 144 ‘लॉकडाउन जैसी’ पाबंदियों तक लागू रहेगी।”