नई दिल्ली: नीति आयोग ने ‘राज्यों और राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के ज़रिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का विस्तार’ शीर्षक से एक महत्वपूर्ण नीति रिपोर्ट जारी की है। यह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पहला नीति दस्तावेज है, जो विशेष रूप से राज्यों और राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों (SPU) पर केंद्रित है।
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए विश्व स्तरीय शिक्षा प्रणाली आवश्यक है। इस रिपोर्ट को नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, सदस्य (शिक्षा) डॉ. विनोद कुमार पॉल, सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम, उच्च शिक्षा विभाग सचिव विनीत जोशी और एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU) महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने जारी किया।
रिपोर्ट में क्या खास है?
यह रिपोर्ट गुणवत्ता, वित्तपोषण, प्रशासन और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित है। इसमें 20 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च शिक्षा विभागों, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविदों और राज्य उच्च शिक्षा परिषदों के अध्यक्षों के साथ हुई चर्चाओं से प्राप्त जानकारियों को शामिल किया गया है।
राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को अपनाने होंगे उच्च मानक
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि आईआईटी जैसे संस्थानों की तरह, राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों (SPU) को भी उच्च गुणवत्ता के मानक स्थापित करने चाहिए। उन्होंने अमेरिका और ब्राजील के उदाहरण देते हुए कहा कि वहां सार्वजनिक विश्वविद्यालयों ने शिक्षा में उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित किए हैं और भारत को भी इसी दिशा में काम करने की जरूरत है।
रिपोर्ट की सिफारिशों को आगे बढ़ाएगी सरकार
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार, नीति आयोग का काम शोध और साक्ष्यों पर आधारित रिपोर्ट तैयार करना है, जबकि कार्यान्वयन मंत्रालयों की जिम्मेदारी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस रिपोर्ट में दी गई सिफारिशों को केंद्र और राज्य सरकारें उत्साहपूर्वक लागू करेंगी।
एसपीयू में सुधार बेहद जरूरी
नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल ने कहा कि भारत में 80% उच्च शिक्षा राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों (SPU) में दी जाती है। ऐसे में, 2047 तक भारत को ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए SPU में सुधार आवश्यक है।
2035 तक उच्च शिक्षा में 9 करोड़ छात्रों का नामांकन लक्ष्य
नीति आयोग के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत, 2035 तक उच्च शिक्षा में छात्रों का नामांकन दोगुना कर 9 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इनमें से लगभग 7 करोड़ छात्र राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करेंगे।
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि यह जरूरी है कि राज्य विश्वविद्यालय केवल उच्च शिक्षा तक पहुंच बनाने पर ध्यान न दें, बल्कि विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान कर भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आवश्यक उच्च गुणवत्ता वाले मानव संसाधन तैयार करें।
NEP 2020 के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगी रिपोर्ट
इस रिपोर्ट को नीति आयोग की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश किया गया है, जो भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य को बदलने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को और अधिक प्रभावी बनाएगी।
2047 तक “विकसित भारत” के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, यह रिपोर्ट भारत में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रणाली के विस्तार और सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।