नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा यमुना में ‘जहर’ घोलने के आरोप पर चुनाव आयोग ने उन्हें एक और नोटिस जारी किया है। आयोग ने केजरीवाल से 31 जनवरी 11:00 बजे तक इस मामले पर तथ्यों सहित जवाब देने के लिए कहा है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है, और यमुना में जहर घोलने के आरोपों को सही ठहराने के लिए केजरीवाल से प्रमाण मांगे हैं।
चुनाव आयोग ने यमुना में जहर की मिलावट के संदर्भ में कई सवाल पूछे हैं, जिनमें यह जानना शामिल है कि हरियाणा सरकार ने किस प्रकार से नदी में जहर मिलाया, और इसके बारे में कौन से वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद हैं। इसके अलावा, दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने जहर की पहचान कैसे की, और इसे दिल्ली में आने से कैसे रोका, यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है।
ECI responds to AAP national convener Arvind Kejriwal to not mix issues of increased ammonia in Yamuna with his serious allegations of Yamuna poisoning with mass genocide, equating with an act of war between two nations. pic.twitter.com/rnu4mRmOlE
— ANI (@ANI) January 30, 2025
केजरीवाल के आरोपों का खंडन
इससे पहले, आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने जानबूझकर यमुना में औद्योगिक कचरा डाला और केजरीवाल ने इसे दिल्लीवासियों के लिए गंभीर खतरा बताया था। हालांकि, दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ शिल्पा शिंदे ने इन आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया है।