दिल्ली हाईकोर्ट ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पर विचार में देरी करने के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि सरकार द्वारा कदम पीछे खींचने से ईमानदारी पर संदेह उत्पन्न होता है। दिल्ली सरकार से कहा गया कि रिपोर्ट को तत्काल विधानसभा में पेश किया जाना चाहिए था, ताकि सदन में चर्चा हो सके।
भाजपा ने दिल्ली सरकार को घेरा
भा.ज.पा. के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली सरकार के खिलाफ आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने जानबूझकर रिपोर्ट को विधानसभा में पेश नहीं किया, जिससे संविधानिक प्रक्रिया में बाधा आ रही है। भाजपा ने आरोप लगाया कि एक दर्जन से अधिक सीएजी रिपोर्टों को दिल्ली सरकार ने विधानसभा में नहीं रखा है, जिससे सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
दिल्ली विधानसभा सचिवालय का तर्क
दिल्ली विधानसभा सचिवालय ने अदालत को बताया कि विधानसभा का कार्यकाल फरवरी में समाप्त हो रहा है, जिससे रिपोर्ट को अब पेश करने का कोई औचित्य नहीं है। सचिवालय के अनुसार, विधानसभा का कार्य संचालन स्पीकर का विवेकाधिकार है और यह न्यायिक समीक्षा से बाहर है। इसके बावजूद, उपराज्यपाल ने कोर्ट से स्पीकर को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने का आग्रह किया।
आम आदमी पार्टी का पलटवार
आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर फर्जी सीएजी रिपोर्ट दिखाने का आरोप लगाया है। पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि भाजपा असली सीएजी रिपोर्ट के बजाय अपने दफ्तर में तैयार कागज को रिपोर्ट बताकर आरोप लगा रही है। आप ने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने मुफ्त बिजली, पानी, और अन्य योजनाओं के जरिए दिल्ली को बजट मुनाफा दिया है, जबकि भाजपा निराधार आरोप लगा रही है।
कांग्रेस का भी आरोप
कांग्रेस ने भी दिल्ली में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। आलोक शर्मा ने कहा कि दिल्ली को भ्रष्टाचार और अपराध की राजधानी बनाने के लिए आम आदमी पार्टी और भाजपा जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आप, जो खुद भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जा चुकी है, अब सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा में नहीं पेश कर रही है।