दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी जीत के दावे करने शुरू कर दिए हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली के विकास कार्यों और महिला सम्मान योजना के आधार पर अपनी जीत को पक्की मान रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कहना है कि जनता इस बार बदलाव के मूड में है और एग्जिट पोल भी उनके पक्ष में संकेत दे रहे हैं।
राजनीतिक दलों के दावे और समीकरण
दिल्ली का अगला सियासी सिकंदर कौन होगा, इसका फैसला 8 फरवरी को होगा, लेकिन मतदान के बाद ही सभी दल अपनी-अपनी जीत के दावे करने लगे हैं। बूथ इंचार्ज से रिपोर्ट लेने के बाद AAP को भरोसा है कि उनकी योजनाओं ने जनता को प्रभावित किया है। दूसरी ओर, BJP को लगता है कि एग्जिट पोल और मतदान रुझान उनके पक्ष में हैं।
कांग्रेस भी इस बार खुद को कमजोर मानने के मूड में नहीं है। पार्टी का मानना है कि भले ही वह सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत न जुटा पाए, लेकिन उसका कोर वोट बैंक दोबारा वापस आता दिख रहा है।
बीजेपी का दावा: इस बार सत्ता हमारी
BJP को विश्वास है कि इस बार दिल्ली में उसकी सरकार बनेगी। पार्टी का मानना है कि कांग्रेस ने AAP के वोट बैंक में सेंध लगाई है, जिससे AAP को नुकसान हो सकता है। वहीं, दिल्ली के मध्य वर्ग के मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर मतदान किया है, जिससे बीजेपी को फायदा मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, केंद्र की जनकल्याणकारी योजनाओं पर पीएम मोदी के वादों ने भी जनता का भरोसा जीता है।
AAP और कांग्रेस के समीकरण
AAP को यकीन है कि दिल्ली की जनता ने झाड़ू को ही फिर से मौका दिया है। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि उनके पारंपरिक वोटर उनकी ओर लौट रहे हैं। झुग्गी-झोपड़ी और अनधिकृत कॉलोनी के मतदाताओं को लेकर तीनों ही दल अपने-अपने दावे कर रहे हैं।
अब देखना होगा कि 8 फरवरी को जनता किसके पक्ष में फैसला सुनाती है—क्या केजरीवाल सरकार दोबारा सत्ता में आएगी, क्या बीजेपी सत्ता की चाबी अपने हाथों में ले पाएगी, या फिर कांग्रेस कोई नया चमत्कार करेगी?