दिल्ली विधानसभा चुनावों में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। बीते 22 सालों में महिला वोटर्स की संख्या और मतदान प्रतिशत में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। चुनाव आयोग भी महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए पिंक बूथ जैसी पहल कर रहा है। 1998 से 2015 के बीच महिलाओं के मतदान प्रतिशत में 20.08% और पुरुषों में 16.74% की वृद्धि हुई। हालांकि, 2020 के चुनाव में पुरुषों (62.62%) की तुलना में महिलाओं (62.55%) का मतदान थोड़ा कम रहा।
दिल्ली में महिला मतदाताओं का बढ़ता प्रभाव
🔹 1998: महिलाओं का मतदान 46.41%
🔹 2015: 20.08% की वृद्धि के साथ 66.49%
🔹 2020: पुरुषों का मतदान 62.62%, महिलाओं का 62.55%
महिला उम्मीदवारों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा
2008 में सबसे ज्यादा 81 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में थीं
2020 में 79 महिला प्रत्याशियों ने भाग लिया
2025 में 96 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है
महिला प्रत्याशियों की कमी से जूझ रहे क्षेत्र
दिल्ली की 21 विधानसभा सीटों पर कोई महिला उम्मीदवार नहीं है, जिनमें अंबेडकर नगर, चांदनी चौक, द्वारका, शाहदरा, बुराड़ी, मोती नगर जैसी सीटें शामिल हैं।
महिला मतदाताओं के लिए विशेष पहल
चुनाव आयोग ने महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए पिंक बूथ, महिला केंद्रित जागरूकता अभियान और डिजिटल वोटिंग अवेयरनेस कैंपेन जैसी योजनाएं लागू की हैं।
2025 के दिल्ली चुनाव में महिला मतदाता निभाएंगी अहम भूमिका
महिला वोटर्स की बढ़ती संख्या दर्शाती है कि वे चुनावी नतीजों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। दिल्ली चुनाव में महिला उम्मीदवारों और मतदाताओं की बढ़ती भूमिका राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत दे रही है।