केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को झुग्गी बस्तियों के 3,000 प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। यह बैठक झुग्गी बस्तियों के वोटरों को भाजपा के पाले में लाने की एक विशेष मुहिम के तहत आयोजित की जा रही है। दिल्ली में 27 वर्षों से सत्ता से दूर भाजपा इस बार चुनाव जीतने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। खासतौर पर पिछले दो चुनावों से झुग्गी बस्तियों के मतों के आम आदमी पार्टी (आप) को जाने के बाद भाजपा ने इस वर्ग पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।
झुग्गी बस्तियों पर फोकस
प्रतिनिधियों की इतनी बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए यह बैठक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित की जाएगी। झुग्गी वोटरों को आकर्षित करने के लिए भाजपा ने एक विशेष रणनीति बनाई है। इसके तहत पार्टी के सांसद, विधायक और अन्य नेता झुग्गियों में रात्रि प्रवास कर रहे हैं और वहां के निवासियों से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में कई भाजपा नेता झुग्गी बस्तियों में रात गुजार चुके हैं। लगभग दो दर्जन नेता सप्ताह में एक रात झुग्गियों में बिताने का काम कर रहे हैं।
‘झुग्गी की जगह घर’ अभियान
भाजपा ने झुग्गी निवासियों को लुभाने के लिए ‘झुग्गी की जगह घर’ अभियान भी शुरू किया है। यह योजना केंद्र सरकार के समर्थन से चलाई जा रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के अशोक विहार में 1,675 झुग्गी निवासियों को उनके नए घरों की चाबियां सौंपी थीं।
भाजपा की रणनीति और चुनौतियां
दिल्ली में लगभग 675 झुग्गी बस्तियां हैं, जिनमें से 18 से 20 प्रतिशत बस्तियां पूर्वी और उत्तर-पूर्वी संसदीय क्षेत्र में स्थित हैं। ये क्षेत्र विधानसभा चुनावों में लगातार आम आदमी पार्टी को समर्थन देते रहे हैं। हालांकि, भाजपा इन क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए झुग्गियों के विकास का ठोस अभियान चला रही है।
गृहमंत्री अमित शाह की झुग्गी बस्तियों के प्रतिनिधियों के साथ यह पहली बैठक होगी। भाजपा इस वर्ग के समर्थन को लेकर बेहद गंभीर है। पार्टी की रणनीति झुग्गी निवासियों को विकास योजनाओं के जरिए अपने पाले में लाने की है।
भाजपा का यह प्रयास स्पष्ट संकेत है कि पार्टी झुग्गी निवासियों के मतों को लेकर कितनी महत्वाकांक्षी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा की इस योजना का आगामी चुनावों में क्या असर पड़ता है।