दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत से मैदान में हैं। 5 फरवरी को मतदान होना है और राजधानी में चुनावी सरगर्मी चरम पर है। महिला, युवा, गरीब और अल्पसंख्यक समुदाय इस बार भी दिल्ली का भविष्य तय करने में अहम भूमिका निभाने वाले हैं।
भाजपा ने दी केजरीवाल को चुनौती, कांग्रेस भी मैदान में
दिल्ली में भाजपा ने आम आदमी पार्टी (AAP) और उनके संयोजक अरविंद केजरीवाल को उनकी पारंपरिक सीट पर चुनौती दी है। भाजपा ने प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस से संदीप दीक्षित ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
भाजपा की रणनीति
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय का कहना है कि पार्टी अंतिम दो सप्ताह में बाजी पलट देगी। भाजपा नेताओं का दावा है कि केजरीवाल का वोट प्रतिशत 2020 के चुनाव में घटा था, और इस बार उनकी स्थिति कमजोर हो सकती है।
आप की रणनीति
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जनता को लुभाने के लिए लगातार घोषणाएं कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में महिलाओं को 2100 रुपये मासिक, झुग्गीवासियों के लिए मुफ्त बिजली-पानी और आरडब्ल्यूए में सुरक्षा गार्ड की तैनाती का वादा किया है। उनका मुख्य फोकस महिला, गरीब और अल्पसंख्यक मतदाताओं पर है।
कांग्रेस की स्थिति
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित के नेतृत्व में पार्टी चुनावी अभियान चला रही है। हालांकि, अन्य बड़े नेता अभी अपेक्षाकृत शांत हैं। कांग्रेस को अल्पसंख्यक और महिला वोटरों से उम्मीद है, लेकिन यह भी माना जा रहा है कि कांग्रेस कुछ हद तक वोट कटवा की भूमिका निभा सकती है।
जमीनी मुद्दों पर केजरीवाल की बढ़त
सर्वे एजेंसी के अनुसार, दिल्ली में झुग्गीवासियों की संख्या लगभग 33-34 लाख है, जिनमें से अधिकांश मतदाता हैं। 2015 और 2020 में इस वर्ग ने केजरीवाल को बड़े पैमाने पर वोट दिया था। फ्री बिजली-पानी और डीटीसी बसों में महिलाओं की मुफ्त यात्रा जैसी योजनाओं ने उनके कोर वोट बैंक को मजबूत किया है।
पीएम मोदी की सौगात और भाजपा की तैयारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले 1,678 फ्लैट्स गरीबों को आवंटित किए हैं। भाजपा झुग्गी-झोपड़ी और निचले वर्ग के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए रोजगार मेले और महिलाओं के लिए बड़ी घोषणाओं की तैयारी कर रही है।
छोटे दल बिगाड़ सकते हैं समीकरण
इस बार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और मायावती की बसपा भी जोर-शोर से चुनाव लड़ रही हैं। माना जा रहा है कि ये दल कई सीटों पर प्रमुख दलों का गणित बिगाड़ सकते हैं।
सोशल मीडिया और एआई: प्रचार का नया हथियार
इस बार चुनाव में सोशल मीडिया, मीम्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भरपूर उपयोग हो रहा है। भाजपा और आप की आईटी सेल ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है। कांग्रेस ने भी डिजिटल प्रचार पर ध्यान केंद्रित किया है।