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Delhi Election 2025: केजरीवाल ने जाट आरक्षण का मुद्दा उठाया, PM को लिखा पत्र, जाटों को केंद्र की OBC सूची में शामिल करें

आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी विधानसभा चुनाव में आरक्षण का बड़ा मुद्दा उठाया है। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्र की OBC सूची में शामिल करने की मांग की है।

By: Rekha 
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Delhi Election 2025: केजरीवाल ने जाट आरक्षण का मुद्दा उठाया, PM को लिखा पत्र, जाटों को केंद्र की OBC सूची में शामिल करें

Delhi Vidhan Sabha Election 2025: आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी विधानसभा चुनाव में आरक्षण का बड़ा मुद्दा उठाया है। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्र की OBC सूची में शामिल करने की मांग की है।

केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के जाट समुदाय के साथ भेदभाव किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के जाटों को केंद्र सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण मिलता है, लेकिन दिल्ली के जाटों को इससे वंचित रखा गया है।

उन्होंने कहा, “यदि हमारी सरकार बनती है, तो हम दिल्ली के जाटों के आरक्षण के लिए हरसंभव संघर्ष करेंगे। यह केवल एक वादा नहीं, बल्कि जाट समुदाय के हक की लड़ाई है।”

प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा,
“आदरणीय प्रधानमंत्री जी, दिल्ली के जाट समाज के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया है कि आपने 2015 और 2017 में जाट समुदाय को केंद्र की OBC सूची में शामिल करने का वादा किया था। 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले भी जाट नेताओं को आश्वासन दिया गया, लेकिन आज तक इस वादे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।”

उन्होंने आगे लिखा कि इस कदम से दिल्ली के जाट समाज को केंद्र सरकार के कॉलेजों और नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलेगा।

चुनावी रणनीति में जाट कार्ड

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में जाट समुदाय का समर्थन हासिल करने के लिए AAP ने यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया है। जाट समुदाय दिल्ली में एक बड़ा वोट बैंक है, और यह कदम उनकी लोकप्रियता बढ़ाने का प्रयास हो सकता है।

क्या है जाट आरक्षण का मुद्दा?

2015 में जाट आरक्षण को लेकर कई राज्यों में आंदोलन हुए थे। हालांकि, कुछ राज्यों में जाट समुदाय को OBC दर्जा दिया गया है, लेकिन दिल्ली के जाट इस लाभ से वंचित हैं। यह मुद्दा न केवल सामाजिक न्याय बल्कि चुनावी राजनीति में भी बड़ा विषय बनता जा रहा है।

आगामी चुनावों में AAP और अन्य राजनीतिक दलों के बीच जाट आरक्षण का मुद्दा मुख्य एजेंडा बनने की संभावना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और चुनावी समीकरण किस दिशा में बदलते हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आरक्षण का मुद्दा बड़ा राजनीतिक मोड़ ले सकता है। अरविंद केजरीवाल का यह दांव कितना सफल होगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।

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