दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने एनसीईआरटी जनरल काउंसिल की 57वीं बैठक में मौजूदा वर्षवार कक्षाओं और 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के बजाए बहुवर्षीय स्टेज अनुसार कक्षाओं और हर स्टेज के अंत में एक्सटर्नल एसेसमेंट की प्रणाली शुरू करने का सुझाव दिया है। साथ ही यह सुझाव दिया कि बोर्ड परीक्षा खत्म हो और उसकी जगह हर स्टेज के अंत में एक्सटर्नल असेसमेंट हो।
सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री के वक्तव्य पर सहमति जताते हुए कहा कि देश में शिक्षा के क्षेत्र में आधारभूत परिवर्तन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की बड़ी भूमिका होगी। लेकिन यह परिवर्तन टुकड़ों में नहीं, बल्कि समग्र होना चाहिए।
शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति में प्रस्तावित चार स्टेज यानी 5+3+3+4 को सही मायने में लागू करना चाहिए। इसके तहत एक साल एक क्लास का सिस्टम खत्म करके बहुवर्षीय स्टेज सिस्टम लागू करना चाहिए। इससे बच्चे अपनी गति से विभिन्न विषयों में अपनी जरूरत के अनुसार आगे बढ़ सकेंगे।
उनका कहना है कि अगले वर्ष होने वाली जेईई नीट जैसी प्रवेश परीक्षाएं कम पाठ्यक्रम पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने बोर्ड परीक्षाएं मई माह में कराने का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि कोरोना संकट के कारण बोर्ड परीक्षाएं फरवरी मार्च की जगह मई में कराई जाएं जिससे बच्चों को तैयारी का अवसर मिल सके।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में एनटीए से उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का प्रावधान है तो कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की कोई आवश्यकता नहीं है।
बैठक में उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री के साथ सहमति जताते हुए कहा कि देश में शिक्षा में परिवर्तन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 काफी महत्वपूर्ण होगी। यह परिवर्तन टुकड़ों की बजाय समग्र होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक स्टेज से दूसरे स्टेज में जाने के बाद अगर कुछ बच्चे उस लेवल के अनुरूप लर्निंग आउटकम प्राप्त नहीं कर पाए हों, तो उसे पूरा करने के लिए कुछ महीनों की रेमेडियल क्लासेज भी लगाई जा सकती हैं।