दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में आई भाजपा अब अपने शपथ ग्रहण समारोह को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी कर रही है। 20 फरवरी को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट के छह मंत्री शपथ लेंगे। इस भव्य आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, उद्योगपति, फिल्मी सितारे और कई विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे।
नई सरकार के नेतृत्व का फैसला 19 फरवरी को भाजपा विधायक दल की बैठक में होगा, जहां पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी। इसके बाद पार्टी उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी।
शक्ति प्रदर्शन का मंच बनेगा रामलीला मैदान
हरियाणा और महाराष्ट्र की तर्ज पर भाजपा इस समारोह को शक्ति प्रदर्शन के रूप में पेश करने की योजना बना रही है। समारोह में एक लाख से अधिक लोगों के जुटने की उम्मीद है, जिनमें भाजपा कार्यकर्ता, विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, सफाईकर्मी, किसान और लाडली बहना योजना की लाभार्थी महिलाएं शामिल होंगी।
वीआईपी मेहमानों की लंबी लिस्ट
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा के अलावा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान समेत एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल होंगे। इसके अलावा, उद्योगपति, फिल्मी सितारे, राजनयिक, खिलाड़ी और आरएसएस के वरिष्ठ नेता भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे। दिल्ली सरकार का शपथ ग्रहण 20 फरवरी को शाम साढ़े 4 बजे होगा। रामलीला मैदान में शपथ समारोह के लिये 3 मंच बनाए जा रहे हैं। समारोह में 20 राज्यों के CM,उद्योगपति, सेलिब्रिटी और संत रहेंगे। आम लोगों के लिये मैदान में 20 हजार कुर्सियां लगाई जा रही हैं।
भाजपा के संभावित दावेदारों में प्रवेश वर्मा, विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता और शिखा राय के नाम चर्चा में हैं। अंतिम फैसला विधायक दल की बैठक में लिया जाएगा।
शपथ ग्रहण समारोह की खास झलकियां
✅ समारोह का आयोजन रामलीला मैदान में होगा।
✅ 50,000 से अधिक कुर्सियों की व्यवस्था की जाएगी।
✅ समारोह में संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
✅ शहरभर में जश्न का माहौल बनाने के लिए बड़ी LED स्क्रीन लगाई जाएंगी।
दिल्ली में 70 में से 48 सीटें जीतकर भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। ऐसे में यह शपथ ग्रहण समारोह सिर्फ एक सरकारी प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक बड़े राजनीतिक संदेश का मंच भी होगा।