नई दिल्ली में बिम्सटेक (BIMSTEC) विशेषज्ञ समूह की दूसरी बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य बिम्सटेक सदस्य देशों के बीच साइबर सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना और सूचना व संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के सुरक्षित उपयोग के लिए एक 5-वर्षीय कार्य योजना तैयार करना था। इससे पहले, 2022 में भारत ने इस विषय पर पहली बैठक का आयोजन भी किया था।
कार्य योजना का उद्देश्य
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बिम्सटेक देशों के बीच साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक समग्र कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसमें साइबर अपराध रोकथाम, सूचनाओं के सुरक्षित आदान-प्रदान, महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना की सुरक्षा, और साइबर घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया के लिए नीतियों को शामिल किया गया। यह योजना अंतरराष्ट्रीय साइबर मानदंडों और नीतियों के अनुरूप होगी और इसे अगले 5 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
महत्वपूर्ण पहल
बैठक के दौरान कई अहम कदम उठाए गए। बिम्सटेक देशों के बीच सीईआरटी-टू-सीईआरटी (CERT-to-CERT) सहयोग तंत्र स्थापित करने पर सहमति बनी, जो साइबर खतरों से निपटने के लिए एक समर्पित ढांचा तैयार करेगा। इसके अलावा, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच साइबर अपराधों के मामले में समन्वय बढ़ाने और सदस्य देशों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम लागू करने की योजना पर चर्चा हुई।
भारत की “साइबर स्वच्छता” पहल
बैठक के दौरान भारत ने अपनी अनूठी पहल, “स्कूली बच्चों के लिए साइबर स्वच्छता”, पर प्रस्तुति दी। यह पहल बच्चों और युवाओं को डिजिटल खतरों से बचाने और साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसमें बच्चों को इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग और ऑनलाइन खतरों से निपटने के तरीकों के बारे में शिक्षित किया जाता है।
सुरक्षित और लचीला साइबर स्पेस बनाने की प्रतिबद्धता
बैठक में यह सहमति बनी कि बिम्सटेक देशों के बीच सहयोग से एक सुरक्षित और लचीला साइबर स्पेस बनाया जा सकता है। 5-वर्षीय कार्य योजना के क्रियान्वयन से डिजिटल क्षेत्र में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
बिम्सटेक विशेषज्ञ समूह की यह बैठक साइबर सुरक्षा को लेकर एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। इसके तहत तैयार की गई कार्य योजना से बिम्सटेक देशों को साइबर खतरों का सामना करने और एक सुरक्षित डिजिटल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।