रक्षा मंत्रालय ने 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित करते हुए देश की रक्षा प्रणाली को तकनीकी रूप से और अधिक उन्नत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसका उद्देश्य सशस्त्र बलों को बहु-क्षेत्रीय एकीकृत संचालन में सक्षम बनाना है। मंत्रालय ने कहा है कि 2025 में साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), मशीन लर्निंग, हाइपरसोनिक और रोबोटिक्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सुधारों से एकीकृत सैन्य कमान की स्थापना में मिलेगी मदद
मंत्रालय ने बताया कि यह सुधारात्मक कदम सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार, तकनीकी रूप से सशक्त और बहु-क्षेत्रीय संचालन में माहिर बनाने के लिए उठाए गए हैं। इसके साथ ही, सैन्य क्षमता के तीव्र विकास के लिए अधिग्रहण प्रक्रियाओं को सरल और समयबद्ध बनाया जाएगा। इन सुधारों से भारत की रक्षा तैयारियों में उल्लेखनीय प्रगति की उम्मीद है।
आधुनिकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 2025 का ‘सुधारों का वर्ष’ सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह निर्णय उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया, जिसमें रक्षा तैयारियों को और मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा की गई।
वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका बढ़ाने पर जोर
महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि भारत अब केवल अपनी रक्षा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी प्रभावशाली भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि भारत को बदलते वैश्विक गठबंधनों का लाभ उठाकर अपनी आर्थिक और रणनीतिक क्षमता को बढ़ाना चाहिए।
नवीन तकनीकों और रणनीतियों पर विशेष फोकस
2025 में रक्षा मंत्रालय का यह कदम देश की सुरक्षा और संप्रभुता को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार करेगा। उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ सैन्य आधुनिकीकरण की यह यात्रा भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति के रूप में स्थापित करेगी।