उत्तर प्रदेश के कानपुर गोलीकांड के बाद अब यूपी पुलिस ने तय किया है कि अब सूबे से अपराधियों का नामो निशान खत्म कर दिया जाए। यूपी में जबसे योगी सरकार आयी है तबसे अपराधी या तो दुनिया छोड़ गए या प्रदेश छोड़ गए।
कानपुर की घटना भी नहीं होती अगर विकास दुबे को मुखबिरी नहीं की गयी होती। इस कारण पूरा चौबेपुर थाना रडार पर है। उन लोगों पर भी हत्या का केस दर्ज किया जा सकता है। अगर पुलिस के साथ धोखा नहीं हुआ होता तो आज विकास दुबे ज़िंदा नहीं होता।
विकास दुबे आज नहीं तो कल खैर मौत के घाट उतार दिया जाएगा लेकिन योगी सरकार ने इस घटना से सबक लिया है। अब तय किया गया है कि मोस्ट वांटेड लोगों की लिस्ट बनाओ और उनका खात्मा कर दो।
योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने प्रदेश के 33 टॉप मोस्ट अपराधियों की लिस्ट बनाई है. इसमें मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, ब्रजेश सिंह जैसे अपराधियों का नाम है. इसके अलावा लिस्ट में सुंदर भाटी, अनिल दुजाना, अनिल भाटी, अमित कसाना, उमेश राय, बब्बू श्रीवास्तव जैसे अपराधियों का नाम है।
इसके अलावा हिट लिस्ट में उमेश राय, त्रिभुवन सिंह, खान मुबारक, मोहम्मद वसीम, मोहम्मद सोहराब, मोहम्मद रुस्तम, बृजेश कुमार सिंह, सुभाष सिंह ठाकुर, ध्रुव कुमार सिंह, मुनीर, संजीव महेश्वरी, सुंदर भाटी, अनिल दुजाना, सिंह राज भाटी, सुशील, अंकित गुर्जर, अमित कसाना, आकाश जाट, ऊधम सिंह, योगेश भदौड़ा, अजीत उर्फ हप्पू, लल्लू यादव, अजय सिंह, रमेश सिंह, संजीव द्विवेदी, मुलायम यादव, राजेश यादव, बच्चा पासी, दिलीप मिश्रा और ओम प्रकाश श्रीवास्तव का नाम शामिल है।
आपको बता दे कि कानपुर मुठभेड़ केस में चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी को आईजी मोहित अग्रवाल ने किया सस्पेंड कर दिया है।