नई दिल्ली : देश में जारी कोरोना संकट के बीच जो लोग कोरोना से ठीक हो गए है, उन पर अब सबसे ज्यादा खतरा ब्लैक फंगस का मंडरा रहा है। जिससे सरकार भी चिंतिंत है। वहीं ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर आम लोगों के भी हाथ-पांव फूले हुए है। क्योंकि एक तरफ जहां यह महामारी लोगों की जान ले रही है, वहीं दूसरी तरफ इससे बचने में होने वाला इलाज इतना खर्चिला है की घर तक बेचने की नौबत आ रही है।
एक ऐसा ही मामला गुजरात के राजकोट में पाया गया। जहां राजकोट के रहने वाले एक युवा विमल दोषी कोरोना से संक्रमित हो गए थे। विमल ने कोरोना को तो मात दे दी लेकिन पिछले पांच महीने से ब्लैक फंगस से जूझ रहे हैं। वे ब्लैक फंगस के लगातार बढ़ते इंफेक्शन से परेशान हैं। विमल को अब तक ब्लैक फंगस के लिए दिए जाने वाले 39 इंजेक्शन भी लगाए जा चुके हैं। इन पांच महीनों के दौरान विमल की छह बार सर्जरी भी की जा चुकी है। अब सातवीं सर्जरी होनी है।
विमल दोषी की पत्नी चांदनी ने इस संबंध में बताया कि वे राजकोट के रहने वाले हैं। विमल काम के सिलसिले में अहमदाबाद में रहते थे। अहमदाबाद में ही उन्हें नवंबर महीने में कोरोना हुआ। 15 दिन तक कोरोना का उपचार चला। इस दौरान उन्हें ऑक्सीजन के साथ स्टेरॉयड भी दिया गया। पत्नी के मुताबिक विमल की नाक में ब्लैक फंगस पाया गया। उन्होंने आणंद के मेडिकल कॉलेज में नाक की सर्जरी करा ली। इसके बाद आंख की सर्जरी हुई। नाक और उसके आसपास भी दोबारा सर्जरी की गई और अब ब्लैक फंगस का इंफेक्शन मस्तिष्क तक पहुंच गया है जिसकी वजह से अब दिमाग की न्यूरो सर्जरी की जानी है।
चांदनी के मुताबिक ब्लैक फंगस के इंफेक्शन की वजह से वे पिछले पांच महीने से आणंद में ही रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि विमल के अब तक के इलाज में उनके जीवन की ज्यादातर जमा-पूंजी खत्म हो चुकी है। चांदनी ने बताया कि इलाज में पूरी जमा पूंजी तो लगी ही, उन्हें अपना घर तक बेचना पड़ गया। इलाज में अब तक करीब 41 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं और अब भी करीब 10 से 15 लाख रुपये की जरूरत है।
वहीं विमल का इलाज करने वाले डॉक्टर का कहना है कि कोरोना के बाद जिस तरह वे ब्लैक फंगस की चपेट में आए, उनका बचे रहना किसी चमत्कार से कम नहीं है। डॉक्टर ने बताया कि अब तक विमल की छह बड़ी सर्जरी की जा चुकी है। विमल की पत्नी चांदनी ने बताया कि उनकी अब तक चार लेप्रोस्कोपी, एक फोरहेड सर्जरी और ब्रेन सर्जरी हो चुकी है। चांदनी ने कहा कि हमने मान लिया था कि वे पूरी तरीके से ठीक हो चुके हैं तभी उनके ब्रेन में ब्लैक फंगस पाया गया। गौरतलब है कि गुजरात में लगातार ब्लैक फंगस के मरीज बढ़ रहे हैं, जो गुजरात सरकार के लिए एक चिंता का विषय है।