भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने कोरोना नाम के खतरनाक वायरस के बारे में कहा कि, हम पहले से ही जानते हैं कि, हम स्टेज दो में हैं। स्पष्ट रूप से हम स्टेज तीन में नहीं हैं। साथ ही आईसीएमआर (ICMR) के महानिदेशक डॉ. भार्गव ने कहा कि, हम अपनी प्रयोगशालाओं (laboratories) की संख्या बढ़ा रहे हैं और आज हमारे पास ICMR प्रणाली में बहत्तर कार्यात्मक प्रयोगशालाएं हैं।
महानिदेशक डॉ.बलराम भार्गव ने बताया कि, हम गैर- आईसीएमआर (ICMR), स्वास्थ्य मंत्रालय ,सरकार की प्रयोगशालाओं में DRDO, सरकार मेडिकल कॉलेज, DBT से जुड़े हुए हैं। हमारे पास 49 प्रयोगशालाओं हैं, जिनमें परीक्षण इस सप्ताह के अंत तक शुरू हो जाएगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि, हम दो हाई थ्रूपुट प्रणालियों पर भी काम कर रहे हैं, जो तेजी से परीक्षण करने वाली प्रयोगशालाएं हैं। इनका संचालन दो स्थानों पर किया जाएगा। प्रति दिन चौदाह सौ नमूनों का परीक्षण उन प्रयोगशालाओं में किया जा सकेगा। हम उन्हें इस सप्ताह के अंत तक शुरू कर देंगे।
आपको बताते चलें कि, केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय ने कहा कि, कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीजों को उनकी स्थिति को देखते हुए एंटी एचआईवी ड्रग मिश्रण लोपिनाविर और रिटोनाविर दी जा सकती हैं। क्लीनिकल मैनेजमेंट ऑफ कोविड-19 नाम से जारी गाइडलाइन में मंत्रालय ने मधुमेह और फेफड़े के रोगों से ग्रस्त 60 साल से उपर के मरीजों को लोपिनाविर और रिटोनाविर का मिश्रण देने के निर्देश दिए है।