विश्व स्वास्थय संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है।कोरोना वायरस से चलते अमेरिका ने वायरस से संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी के चलते आपातकाल की घोषणा कर दी है।
महामारी शब्द ऐसी संक्रमण बीमारियों केे लिए प्रयोग किया जाता है। जो एक ही समय पर देश के अलग अलग देशों में फैलती है। इससे पहले स्वाइन फ्लू को महामारी घोषित किया गया था।
विश्व स्वास्थय संगठन के अनुसार, जब वायरस बिलकुल नया हो, तो वह संपर्क के द्वारा आसपास के लोगों कोे संक्रमित कर हो और उसका कोई इलाज न हो या उससे हो रही मौतों की संख्या तेजी से आगे बढ़ रही हो तो उसे महामारी घोषित किया जा सकता हैं। बताते चले कि कोरोना वायरस के इलाज का टीका भी नहीं खोजा जा सका है। दुनिया भर के कई वैज्ञानिक कोरोना के टीके को खोजने में जुटे हैं।
महामारी घोषित होने से पड़ने वाले प्रभाव
कोरोना वायरस को महामारी घोषित होने से सरकारों का ध्यान खींचनेे में मदद मिलेगी। इसके वैश्विक स्तर पर निष्क्रियता से काम किया जा सकेगा और लोगों कोे सर्तक करनेेे में मदद मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से मिलने वाली फंडिंग में आसानी होगी।
जानकारी के लिए बता दे दुनियाभर में कई ऐसेेे संस्थान है जो कोरोना से लड़ने के लिए धन मुहैया करा रहे है। महावारी घोषित होते ही सभी सार्वजनिक स्थालों कार्यक्रमों के अलावा स्कूल-काॅलेज को बंद करने की कवायद शुरू हो जाती हैं।