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कोरोना वैक्सीन ने बर्बाद कर दी इस युवक की पूरी जिंदगी, जबरन निकाला गया नौकरी से बाहर, खटखटाया कोर्ट का दरवाजा, पढ़े पूरा मामला…

By: Amit ranjan 
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कोरोना वैक्सीन ने बर्बाद कर दी इस युवक की पूरी जिंदगी, जबरन निकाला गया नौकरी से बाहर, खटखटाया कोर्ट का दरवाजा, पढ़े पूरा मामला…

नई दिल्ली : दुनिया में जारी कोरोना महामारी को लेकर इससे लड़ने को लेकर सरकार द्वारा वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिससे आप कोरोना से सुरक्षित रह सकें। हालांकि अब इसी वैक्सीनेशन को लेकर एक 32 वर्षीय युवक ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और सरकार से मुआवजे की मांग की है। युवक का आरोप है कि कोरोना वैक्सीन के कारण उसकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई।

दरअसल ये पूरा मामला ब्रिटेन का है।  ‘द सन’ की में छपी खबर के मुताबिक, जोसेफ रॉबिन्सन (Joseph Robinson) उन 145 लोगों के समूह में शामिल हैं, जिन्होंने सरकार के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए मुआवजे की मांग की है। उनका दावा है कि कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की वजह से उन्हें कई तरह के दुष्प्रभाव झेलने पड़े, जिनसे उनका जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां तक कि उनके पास कमाई का साधन भी नहीं बचा है।

February में लगवाया था First Dose

कैम्ब्रिज में रहने वाले जोसेफ रॉबिन्सन ने इस साल फरवरी में AstraZeneca वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी। इसके बाद उन्हें ब्रेन डैमेज का सामना करना पड़ा और आज स्थिति ये हो गई है कि वो अपनी बेटी की स्टोरी बुक भी नहीं पढ़ पाते। टीके की वजह से इनमें दुर्लभ रक्त संबंधी बीमारी Thrombotic Thrombocytopenic हुई, जिसके परिणामस्वरूप वह मेमोरी लॉस और स्पीच इम्पैर्मेंट (Memory Loss and speech impairments) का शिकार हो गए। इसके बाद उन्हें अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा।

‘Government ने मरने को छोड़ दिया’

जोसेफ ने कहा कि, ‘सरकार ने मदद करने के बजाए मुझे मरने के लिए अकेला छोड़ दिया। बिना किसी गलती के मेरी नौकरी चली गई, मेरे सामने रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया। अब सरकार को उसकी भरपाई करनी होगी’। ब्रिटेन में टीके का शिकार हुए लोग वैक्सीन डैमेज पेमेंट स्कीम (VDP) के तहत £120,000 (करीब 1,65,060 डॉलर) हर्जाने की मांग कर रहे हैं। VDP की व्यवस्था 1979 में शुरू की गई थी। इसके तहत आवेदन करने वालों को यह साबित करना होता है कि टीकाकरण ने उन्हें 60 प्रतिशत विकलांग बना दिया है।

Leigh Day लड़ रही पीड़ितों की जंग

जोसेफ रॉबिन्सन और उनके जैसे अन्य लोगों की लड़ाई लॉ फर्म लेह डे (Leigh Day) लड़ रही है। संस्था ने इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव साजिद जावेद (Sajid Javid) को पत्र भी लिखा है। सॉलिसिटर जाहरा नानजी (Solicitor Zahra Nanji) ने कहा कि सरकार को पीड़ितों और उनके परिवारों को यह आश्वासन देना चाहिए कि उनकी आर्थिक रूप से देखभाल की जाएगी। बता दें कि AstraZeneca से खून के थक्के जमने को लेकर बीच में कई खबरें आई थीं। UK में ऐसे 400 केस रिपोर्ट किए गए थे।

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