लोकसभा के चुनावी दौर में चट मंगनी पट ब्याह की तर्ज पर कांग्रेस नेतृत्व ने फैसला ले लिया। मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष और विधायक विक्रांत भूरिया ने यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर की। विक्रांत विधायक होने के नाते क्षेत्र की जनता को ज्यादा समय देने के साथ ही पिता कांतिलल भूरिया के रतलाम-झाबुआ सीट से चुनाव लड़ने का हवाला देते हुए लिखा कि वे युवा कांग्रेस संगठन को टाइम नहीं दे पा रहे हैं।
जो कांग्रेस और संगठन के सदस्यों के साथ न्याय नहीं है। विक्रांत भूरिया ने आगे लिखा, युवा कांग्रेस ने मुझ जैसे आदिवासी युवा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया और फिर टिकट देकर विधायक बनने का मौका दिया। मैं इसके लिए राहुल गांधी, युवा कॉंग्रेस राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अलावरु, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी का तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।
इन तर्कों के साथ विक्रांत ने अपने इस्तीफे की पेशकश सोशल मीडिया पर डाली। इस पेशकश के वायरल होते ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने फैसला लेते हुए 10 मिनट के भीतर ही ग्वालियर के मितेंद्र सिंह को युवा कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।
मितेंद्र सिंह ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से आते हैं। उनका परिवार पुराना कांग्रेसी है। पिता दर्शन सिंह ग्वालियर शहर अध्यक्ष रह चुके हैं। मितेंद्र ने दो दिन पहले PCC चीफ जीतू पटवारी से मुलाकात की थी। मितेंद्र ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखते हैं।
मितेंद्र सिंह ग्वालियर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष दर्शन सिंह के बेटे हैं। दर्शन सिंह का निधन नोटबंदी के खिलाफ हो रहे एक प्रदर्शन के दौरान हुआ था। इसके बाद पार्टी ने उन्हें शहीद का दर्जा दिया था। हालांकि दर्शन सिंह एक दौर में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते थे, लेकिन उनके बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद भी उनके बेटे मितेंद्र ने तमाम अटकलों को खारिज करते हुए कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ा। यह भी एक अहम वजह रही कि ग्वालियर अंचल में सिंधिया के असर को कम करने के लिए मितेंद्र की ताजपोशी की गई है।