कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल अब नहीं रहे। सिर्फ 71 साल के अहमद पटेल को कोरोना हुआ था और पिछले एक महीने से उनका इलाज चल रहा था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
उनका गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका। आपको बता दे, अहमद पटेल 15 नवंबर से आईसीयू में भर्ती थे।
उनके निधन पर तमाम कांग्रेस के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। आपको बता दे कि अहमद पटेल का चले जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ी क्षति है क्यूंकि इस समय कांग्रेस एक ऐसे संकट से जूझ रही है जो उसने शायद ही देखा हो।
निशब्द..
जिन्हें हर छोटा बड़ा, दोस्त, साथी..विरोधी भी…एक ही नाम से सम्मान देते- ‘अहमद भाई’!
वो जिन्होंने सदा निष्ठा व कर्तव्य निभाया,
वो जिन्होंने सदा पार्टी को ही परिवार माना,
वो जिन्होंने सदा राजनीतिक लकीरें मिटा दिलों पर छाप छोड़ी,
अब भी विश्वास नही..
अलविदा “अहमद जी”🙏 pic.twitter.com/NRCwHPNZLl— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 25, 2020
सब लोग उनके निधन से दुखी और स्तब्ध है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा की उन्हें अभी भी इस खबर पर विश्वास नहीं हो रहा है। उन्होंने लिखा, निशब्द.. जिन्हें हर छोटा बड़ा, दोस्त, साथी..विरोधी भी…एक ही नाम से सम्मान देते- ‘अहमद भाई’!
वो जिन्होंने सदा निष्ठा व कर्तव्य निभाया, वो जिन्होंने सदा पार्टी को ही परिवार माना, वो जिन्होंने सदा राजनीतिक लकीरें मिटा दिलों पर छाप छोड़ी, अब भी विश्वास नही.. अलविदा “अहमद जी।
अहमद पटेल नहीं रहे। एक अभिन्न मित्र विश्वसनीय साथी चला गया। हम दोनों सन् ७७ से साथ रहे। वे लोकसभा में पहुँचे मैं विधान सभा में। हम सभी कॉंग्रेसीयों के लिए वे हर राजनैतिक मर्ज़ की दवा थे। मृदुभाषी, व्यवहार कुशल और सदैव मुस्कुराते रहना उनकी पहचान थी।
१/२— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 24, 2020
वही एमपी के सीएम रह चुके दिग्विजय ने भारी मन से उन्हें अलविदा कहा है। उन्होंने लिखा, अहमद पटेल नहीं रहे. एक अभिन्न मित्र विश्वसनीय साथी चला गया। हम दोनों सन् 1977 से साथ रहे और वे लोकसभा में पहुंचे मैं विधान सभा में। हम सभी कांग्रेसियों के लिए वे हर राजनैतिक मर्ज़ की दवा थे। मृदुभाषी, व्यवहार कुशल और सदैव मुस्कुराते रहना उनकी पहचान थी।
अहमद भाई बहुत ही धार्मिक व्यक्ति थे और कहीं पर भी रहें, नमाज़ पढ़ने से कभी नहीं चूकते थे. आज देव उठनी एकादशी भी है जिसका सनातन धर्म में बहुत महत्व है. अल्लाह उन्हें जन्नतउल फ़िरदौस में आला मक़ाम अता फ़रमाएं. आमीन।