लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच पिछले छह महीने से चली आ रही तनातनी अब भी बरकरार है। इस बीच इस इलाके में कड़ाके की ठंड भी शुरू भी हो गई है। ऐसे में भारतीय जवान कड़ाके ठंड वहीं पर बिताने को लेकर अपनी पूरी तैयारी शुरू कर दी है।
भारतीय सेना ने सैनिकों के लिए यहां रहने के खास इंतज़ाम शुरू कर दिया हैं। इसके तहत आधुनिक टेंट तैयार किए गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार भारतीय सेना के करीब 50 हजार जवान इस वक्त एलएसी पर तैनात हैं।
ये सारे टेंट वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के ठीक पीछे बनाए गए हैं। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में इस वक्त चीनी सेना का मुकाबला करने के लिए करीब 50 हज़ार भारतीय सैनिक मौजूद हैं।
भारतीय सेना की तरफ से यह कहा गया कि सैनिकों के लिए तमाम सुविधाओं से लैस परंपरागत स्मार्ट कैंप के साथ ही बिजली, पानी, जगह को गर्म रखने की सुविधा, स्वास्थ्य और स्वच्छता सुविधाओं से युक्त रहने की अत्याधुनिक व्यवस्था की गई है।
यहां पर कड़ाके की ठंड के चलते अगले ढाई से तीन महीने काफी कठिन रहने वाले हैं। उसकी वजह ये हैं कि सर्दियों में यहां का तापमान माइनस तीस से माइनस चालीस डिग्री तक पहुंच जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच 5 मई की के बाद से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के चलते आठ दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है, लेकिन जारी गतिरोध का कई चरणों की वार्ता के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला है।
जबकि, कूटनीतिक स्तर पर भी इस मामले का समाधान निकालने का प्रयास चल रहा है। लेकिन, चीन के अड़ियल रूख के चलते अब तक इसका समाधान नहीं निकल सका है।
ऐसे में पूर्वी लद्दाख के अलग-अलग पहाड़ी क्षेत्रों में बफीर्ली ठंड के बीच सेना के करीब 50,000 जवान वहां तैनात हैं। चीन ने भी कुछ इसी संख्या के आस-पास में सैनिक वहां तैनात किए हुए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, ‘सर्दियों में तैनात सैन्य टुकड़ियों की अभियान क्षमता बनाए रखने के लिए भारतीय सेना ने सेक्टर में तैनात सभी सैनिकों के लिए रहने का पूरा इतज़ाम पूरा कर लिया है।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर पर आठ दौर की बातचीत अब तक हो चुकी है। लेकिन गतिरोध फिलहाल खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। सेनाओं के बीच आखिरी वार्ता छह नवंबर को हुई थी, जहां दोनों पक्षों ने कुछ कास प्वाइंट्स से सैनिकों की वापसी पर चर्चा की थी। लेकिन किसी भी मुद्दे पर अभी तक कोई बात नहीं बनी है।