रिपोर्ट: सत्यम दुबे
गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखपुर में राप्ती नदी के तट पर तीन घाटों का लोकार्पण किया। आपको बता दें कि सीएम योगी ने करीब 60 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
इस दौरान वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि “गोरखपुर पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहा है। प्रदेश की पहली अधिसूचित रामगढ़ झील में सी-प्लेन उतरेंगे। कहीं से पर्यटक आएंगे तो रामगढ़ झील, चिड़ियाघर और राप्ती तट का रुख करेंगे और प्रकृति के मनोरम दृश्यों से रूबरू होंगे। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने स्टीमर से राप्ती नदी को पार कर रामघाट के सुंदरीकरण का निरीक्षण किया।“
सीएम ने आगे कहा है कि “राजघाट पर जहां पहले अपनों का अंतिम संस्कार करने आने वालों को दिक्कतें होती थीं। किसी भी पर्व पर स्नान करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही थीं। आज यह स्थल भव्य रूप ले चुका है।“
सीएन ने राप्ती नदी के पूर्वी तट के बताया कि “गुरु गोरक्षनाथ घाट, वहीं पश्चिमी तट रामघाट के रूप में विकसित हो चुका है। उन्होने आगे कहा कि इन दोनों घाटों के उत्तर में शवदाह स्थल राजघाट अब उसे बाबा मुक्तेश्वरनाथ घाट के नाम से जाना जाएगा। नगर निगम की ओर से बनाए गए प्रदूषण मुक्त लकड़ी व गैस आधारित शवदाह संयंत्र का भी उन्होंने लोकार्पण किया।“
सीएम ने गुरु गोरक्षनाथ घाट के बारे में बताते हुए कहा कि इस घाट पर “भगवान शंकर की भव्य प्रतिमा स्थापित होगी। महादेव की यह प्रतिमा 30 फीट ऊंची होगी। प्रतिमा के शीर्ष भाग से जल धारा प्रवाहित होकर भगवान की जटा से गंगा अवतरण का आभास कराएगी।“
आपको बता दें कि सीएम योगी ने इससे पहले भी गोरखपुर में कई स्थानों के नाम बदले हैं। जब वह गोरखपुर से सांसद हुआ करते थे। उस दौरान उन्होने कई स्थानों का नाम बदला था। यूपी की गद्दी संभालते ही सीएम योगी ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया। वहीं मुगलसराय का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय कर दिया था। अब राप्ती नदी के उत्तर तट का नाम बदलकर बाबा मुक्तेश्वरनाथ घाट कर दिया है।