दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैग (CAG) रिपोर्ट पेश की, जिसमें नई शराब नीति से सरकार को भारी नुकसान होने की बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार को करीब 2000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। पहले एक व्यक्ति को सिर्फ एक शराब लाइसेंस मिलता था, लेकिन नई नीति में एक व्यक्ति को दो दर्जन से अधिक लाइसेंस देने की छूट दी गई।
रिपोर्ट के अनुसार, नई नीति लागू होने के बाद, 941.53 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ, क्योंकि गैर-अनुमोदित क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति समय पर नहीं ली गई।
लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी रही, जिससे एक ही व्यक्ति को दो दर्जन से अधिक लाइसेंस मिल सके।
कोविड महामारी के दौरान 144 करोड़ रुपये की छूट दी गई, जिससे सरकारी राजस्व को और नुकसान हुआ।
नई नीति में पहले से मौजूद 100 करोड़ रुपये के निवेश की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई, जिससे वित्तीय नियमों का उल्लंघन हुआ।
शराब नीति में बड़े बदलाव, लेकिन नियमों की अनदेखी
पहले, दिल्ली में शराब की 60% बिक्री सरकारी निगमों के माध्यम से होती थी, लेकिन नई नीति के तहत निजी कंपनियों को भी खुदरा बिक्री की अनुमति दी गई। इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा तो बढ़ी, लेकिन साथ ही नीतिगत अनियमितताओं ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया।
941.53 करोड़ का नुकसान और कोविड के दौरान 144 करोड़ की छूट
कैग रिपोर्ट में बताया गया कि “नॉन-कंफर्मिंग म्यूनिसिपल वार्ड्स” में शराब की दुकानें खोलने के लिए समय पर अनुमति नहीं ली गई, जिससे सरकार को 941.53 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ। इसी तरह, कोविड महामारी के दौरान अनियमित अनुदान और छूट देने से सरकार को 144 करोड़ रुपये की चपत लगी।
इसके अलावा,थो क बिक्री के लाइसेंस वितरकों और निर्माताओं को भी दिए गए, जबकि पहले यह नियमों के खिलाफ था।
शराब की बिक्री पर कमीशन 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया, जिससे मुनाफाखोरी को बढ़ावा मिला।
आर्थिक और आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच किए बिना लाइसेंस जारी किए गए, जिससे नीतिगत पारदर्शिता पर सवाल उठे।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पिछली सरकार ने जानबूझकर कैग रिपोर्ट को रोके रखा और समय पर राज्यपाल को नहीं भेजा। उन्होंने मांग की कि हर विभाग की कैग रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जाए।
बीजेपी विधायक अरविंदर सिंह लवली ने आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “भगत सिंह ने क्या यह कहा था कि शराब घोटाले करो, स्कूलों और हेल्थ सेक्टर में भ्रष्टाचार करो?” उन्होंने दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया।